गुलाम नबी आज़ाद ने कहा- हमारा विरोध वह चाटुकार लोग कर रहे हैं जिनका पार्टी में जनाधार नहीं है
By शीलेष शर्मा | Published: August 28, 2020 09:36 PM2020-08-28T21:36:05+5:302020-08-28T21:36:05+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने आज (28 अगस्त) एक एजेंसी को दिये साक्षात्कार में साफ़ कर दिया कि पार्टी की कार्यसमिति से लेकर सभी पदों के लिये चुनाव नहीं होते तब तक पार्टी मज़बूत नहीं हो सकती ,उन्होंने दो टूक कहा कि राहुल को प्रधानमंत्री बनना है तो यह तभी संभव है जब पार्टी मज़बूत होगी। हमने यही बात उठायी है इसका विरोध वह लोग कर रहे हैं जिनका जनाधार नहीं है और केवल चापलूसी के बल पर पद पर बने रहना चाहते हैं।
गुलाम नबी आज़ाद ने सोनिया की तारीफ़ करते हुये कहा कि उन्होंने कठिन समय में पार्टी को चलाया ,चूँकि वह अंतरिम अध्यक्ष थी अतः लम्बे समय तक पद पर नहीं रह सकती ,राहुल अध्यक्ष बनना नहीं चाहते इसी लिये हमने पूर्णकालीन अध्यक्ष की मांग की।
पार्टी के राहुल समर्थक युवा नेताओं पर सीधा हमला करते हुये कहा कि इनका पार्टी के लिये क्या योगदान है ,हमने इस पार्टी के लिये राजीव ,केसरी नरसिम्हा राव और इंदिरा जी के साथ काम किया है और संघटन के चुनाव भी देखे हैं लेकिन 30 वर्षों से चुनाव हुये ही नहीं।हमारी मांग है कि ब्लाक से जिला ,जिले से प्रदेश और प्रदेश से केंद्रीय स्तर तक सीधे चुनाव हों ,पूर्णकालिक अध्यक्ष हो इसी से हम मज़बूत होंगे और भाजपा से मुक़ाबला कर सकेंगे।
गुलाम नबी के तेवर बता रहे थे कि यह लड़ाई राहुल के समर्थकों तथा पुराने नेताओं के बीच है जो सहसा समाप्त होने वाली नहीं है ,23 नेताओं द्वारा लिखे पत्र को आज़ाद किसी मायने में गलत नहीं मानते। उनका साफ़ मानना था कि राहुल समर्थक चाटुकारिता के दम पर पदों पर बने रहना चाहते हैं इसी कारण विरोध जाता रहे हैं।