फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअलः पी चिदंबरम का सरकार पर हमला, कहा-गंभीर चिंता का विषय, छह ऋण योजनाएं बंद करना सही नहीं

By भाषा | Published: April 25, 2020 03:12 PM2020-04-25T15:12:12+5:302020-04-25T15:12:12+5:30

फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड का योजनाएं बंद होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि निवेशकों और वित्तीय बाजार के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

Franklin Templeton Mutual P Chidambaram's attack government matter grave concern not right close six loan schemes | फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअलः पी चिदंबरम का सरकार पर हमला, कहा-गंभीर चिंता का विषय, छह ऋण योजनाएं बंद करना सही नहीं

2008 में वित्तीय स्थिरिता एवं विकास परिषद की बैठक बुलाई गई अैर समाधान निकाला गया।

Highlightsफ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड का निर्णय निवेशकों, म्यूचुअल फंड और वित्तीय बाजारों के लिए गंभीर चिंता का विषय है।मुझे 2008 का वह समय याद आ रहा है जब ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। उस वक्त हमने रिजर्व बैंक, सेबी और दूसरी संबंधित संस्थाओं से बातचीत की थी।

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड द्वारा अपना छह ऋण योजनाएं बंद करना निवेशकों और वित्तीय बाजार के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

चिदंबरम ने एक बयान में कहा, ‘‘फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड का निर्णय निवेशकों, म्यूचुअल फंड और वित्तीय बाजारों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। मुझे 2008 का वह समय याद आ रहा है जब ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। उस वक्त हमने रिजर्व बैंक, सेबी और दूसरी संबंधित संस्थाओं से बातचीत की थी।’’

उन्होंने कहा कि 2008 में वित्तीय स्थिरिता एवं विकास परिषद की बैठक बुलाई गई अैर समाधान निकाला गया। गौरतलब है कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने स्वेच्छा से अपनी छह ऋण योजनाओं को बंद करने कर दिया है। उसने शुक्रवार को कहा कि उसके इस निर्णय के बारे में सेबी के साथ चर्चा की थी और निवेशकों की रकम सुरक्षित करने के उसके फैसले को पूंजी बाजार नियामक ने ‘‘औचित्यपूर्ण’’ माना है। फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कहा कि निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने के लिए कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा।

छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने पर सेबी से चर्चा की, फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कहा

फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने स्वेच्छा से अपनी छह ऋण योजनाओं को बंद करने के एक दिन बाद कहा कि उसके इस निर्णय के बारे में सेबी के साथ चर्चा की थी और निवेशकों की रकम सुरक्षित करने के उसके फैसले को पूंजी बाजार नियामक ने ‘‘औचित्यपूर्ण’’ माना है।

फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कहा कि निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने के लिए कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा। साथ ही फंड मैनेजर ने कहा कि कम ब्याज दरों के बावजूद रिजर्व बैंक की लक्ष्यित दीर्घकालीन रेपो परिचालन प्रक्रिया के तहत बांड खरीद की बोली में कर्ज के लेनदार नहीं होने से बाजार में जोखिमों से बचने की प्रवृत्ति उजागर हुई है। फ्रेंकलिन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बांड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देकर इन योजनाओं को बंद किया है। यह पहला मौका है जब कोई निवेश संस्था कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद कर रही है।

बंद होने वाले छह फंड हैं - फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड। इन योजनाओं के तहत कुल 25,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन किया जाता था। फ्रैंकलिन टेम्पलटन समूह के प्रबंध निदेशक विवेक कुदवा ने एक निवेशक वार्ता में कहा, ‘‘हमने नियामक के साथ इस बारे में विस्तृत बातचीत की और नियामक भी पूरा सहयोग दिया। सेबी लाजवाब है। उन्होंने भी इसमें औचित्य पाया... कि सबसे अच्छा विकल्प होगा कि फंड को बंद कर दिया जाए। ये निर्णय जल्दबाजी में नहीं, बल्कि काफी सोच समझकर किया गया है।’’

फ्रैंकलिन टेम्पलटन के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक संजय सप्रे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण निवेशकों के बीच यूनिट वापस लेने का अभूतपूर्व दबाव बन गया था और म्युचुअल फंड के पास एकमात्र विकल्प यही था कि वह काफी कम लागत पर अपनी होल्डिंग्स को बेच दे, जो निवेशित बने रहने वालों पर असर डालता। दूसरा विकल्प था कि निवेशकों को धन वापस करने के लिए और उधारी ली जाए। उन्होंने कहा कि जब दोनों ही विकल्प मुश्किल लगने लगे तो निवेश राशि की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन योजनाओं को बंद करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि अब इन योजनाओं में निवेशक कोई नया लेनदेन नहीं कर सकेंगे।

 

Web Title: Franklin Templeton Mutual P Chidambaram's attack government matter grave concern not right close six loan schemes

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