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राजस्थान में सियासी संकटः संकट में गहलोत सरकार, विधानसभा सत्र से पहले नड्डा से मिलीं वसुधरा राजे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2020 21:27 IST

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले महीने से शुरू हुए राजनीतिक संकट के दौरान राजे जयपुर में हुई भाजपा की बैठकों से अलग रही हैं और उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रखी है।

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ठळक मुद्देबैठक में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसपर आधिकारिक रूप से कोई सूचना नही दी गई है। बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राजे ने नड्डा को अपने विचारों से अवगत कराया ओर राज्य में पार्टी के विकल्पों पर चर्चा की।

नई दिल्ली/जयपुरः राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भेंट की। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों के बीच राजस्थान के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई जहां कांग्रेस सरकार बागी विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।

बैठक में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसपर आधिकारिक रूप से कोई सूचना नही दी गई है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले महीने से शुरू हुए राजनीतिक संकट के दौरान राजे जयपुर में हुई भाजपा की बैठकों से अलग रही हैं और उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रखी है।

सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में विधानसभा सत्र आहूत होने से एक सप्ताह पहले हुई इस बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राजे ने नड्डा को अपने विचारों से अवगत कराया ओर राज्य में पार्टी के विकल्पों पर चर्चा की।

राजनीतिक संकट के लिये कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत जिम्मेदार: कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को राज्य में मौजूदा राजनीतिक संकट के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है और कहा कि लोग इससे परेशान हैं। चौधरी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य में मौजूदा राजनीतिक संकट मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस के कारण है।

राज्य की आम जनता और किसान परेशान हैं। राज्य में कोरोना महामारी का संकट और आपराधिक घटनाएं बढ़ रही है और कांग्रेस सरकार होटल में बंद है। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता बिना किसी तर्क या तथ्यों के भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में अंर्तकलह है।

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई गहलोत और सचिन पायलट के बीच की है जिसका राज्य की जनता पर प्रभाव पड़ रहा है और भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने जनता का विश्वास खो दिया है और उन्हें नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए।

टॅग्स :राजस्थानजयपुरभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)जेपी नड्डावसुंधरा राजेकांग्रेसअशोक गहलोतसचिन पायलट
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