चारा घोटाला के 11 आरोपियों की हो चुकी है मौत, कोई भी अपनी मौत से नहीं मरा
By स्वाति सिंह | Published: December 23, 2017 09:36 AM2017-12-23T09:36:18+5:302017-12-23T10:05:14+5:30
950 करोड़ रुपय के चारा घोटाले को लेकर आज स्पेशल सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। चारा घोटाले के इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत 22 अन्य लोग आरोपी हैं।
बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले पर आज सीबीआई की स्पेशल कोर्ट लालू यादव समेत 22 अन्य लोगों पर फैसला सुनाएगी। इस घोटाले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि कुल 38 लोग आरोपी कटघरे में थे, जिसमें से 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें सात लोगों की अप्राकृतिक तौर से मृत्यु हुई है, लेकिन फिर भी पुलिस का कहना था की यह महज एक संयोग था। इन 11 लोगों में 7 प्रमुख लोगों सूची ये रही।
4 जुलाई, 1998, उमा शंकर प्रसाद, बिहार पशुपालन विभाग (एएचडी) के एक कर्मचारी
मौत- रांची में एक ट्रक ने कुचला
12 जून 1998: विवेकानंद शर्मा, चारा घोटाला के याचिकाकर्ता
मौत - रांची में गोली मार दी गई
15 मई, 1997: राम राज सिंह डॉक्टर, एएचडी
मौत- पटना में एक ट्रक ने कुचला
7 मई, 1997: हरीश खंडेलवाल प्रदायक, एएचडी
मौत- बिना सिर के इनकी लाश को रेलवे ट्रैक से बरामद हुई
26 दिसंबर, 1 996: जेएन तिवारी, एएचडी कर्मचारी
मौत- डाल्टनगंज में एक ट्रक ने कुचला
20 दिसंबर, 1996: मनु मुंडा, घोटाले के आरोपी
मौत- पटना में मारे गए
1 9 नवंबर, 1996: लाला वी मोहन, एएचडी के सहायक निर्देशक,
मौत- जमशेदपुर में एक ट्रक ने कुचला