कोरोना के चलते नहीं हुआ बिहार विधान परिषद का चुनाव, अधिसूचना जारी नहीं हुई तो खाली रह जाएगी यह कुर्सी

By एस पी सिन्हा | Published: May 6, 2020 07:12 PM2020-05-06T19:12:47+5:302020-05-06T19:31:29+5:30

विधान परिषद के जिन 17 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ है, इनमें से आठ सीटें शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की हैं. बाकी नौ सदस्य विधायकों के वोट से छह साल पहले चुने गए थे. वहीं, 23 मई को राज्यपाल के जरिए मनोनीत 12 सीटें भी खाली हो रही हैं. इस तरह 75 सदस्यीय विधान परिषद की 29 सीटें इस महीने रिक्त हो जाएंगी. 

Election of Bihar Legislative Council was not held due to Corona, this chair will remain vacant if notification is not issued | कोरोना के चलते नहीं हुआ बिहार विधान परिषद का चुनाव, अधिसूचना जारी नहीं हुई तो खाली रह जाएगी यह कुर्सी

विधान परिषद के जिन 17 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ है, इनमें से आठ सीटें शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की हैं

Highlightsबिहार विधान परिषद के 17 सदस्यों का कार्यकाल बुधवार से समाप्त हो गया हैलॉकडाउन की पाबंदियों की वजह से निर्वाचन आयोग ने बिहार विधान परिषद का चुनाव करवाने से इनकार कर दिया है.

पटना: बिहार विधान परिषद के 17 सदस्यों का कार्यकाल बुधवार से समाप्त हो गया है. इसमें कई दिग्गज नेता भी हैं. सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा और परिषद के उप सभापति हारून रशीद भी इनमें से प्रमुख हैं. लॉकडाउन की पाबंदियों की वजह से निर्वाचन आयोग ने बिहार विधान परिषद का चुनाव करवाने से इनकार कर दिया है. यही वजह है कि इनका कार्यकाल समाप्त हो गया.

विधान परिषद के जिन 17 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ है, इनमें से आठ सीटें शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की हैं. बाकी नौ सदस्य विधायकों के वोट से छह साल पहले चुने गए थे. वहीं, 23 मई को राज्यपाल के जरिए मनोनीत 12 सीटें भी खाली हो रही हैं. इस तरह 75 सदस्यीय विधान परिषद की 29 सीटें इस महीने रिक्त हो जाएंगी. 

सूचना एवं जनसंपर्क जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार और भवन निर्माण मंत्री डॉ अशोक चौधरी कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी मंत्रिमंडल के सदस्य बने रहेंगे. कारण कि संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार अगले 6 महीने तक अपने पद पर बने रह सकते हैं. इस अवधि में अगर सदस्य नहीं चुने जाते तो मंत्री पद का से इस्तीफा देना होगा. वहीं, कार्यकारी सभापति या उप सभापति के पद पर किसी का मनोनयन नहीं किया गया तो दोनों पद खाली हो जाएंगे. 

परिषद के इतिहास में यह तीसरा अवसर होगा जब दोनों पद खाली रहेंगे. इससे पहले सात मई 1980 से 13 जून 1980 एवं 13 जनवरी 1985 से 17 जनवरी 1985 तक दोनों पद खाली रहे थे. संविधान के अनुच्छेद 184 के प्रावधान के अनुसार ऐसी हालत में दोनों पदों की शक्तियां राज्यपाल में निहित हो जाती हैं. हालांकि निर्वाचन आयोग ने संकेत दिया है कि अगली बैठक में वह तमाम स्थगित चुनावों के बारे में विचार करेगा. विशेष परिस्थिति में महाराष्ट्र विधान परिषद की नौ सीटों पर मतदान की इजाजत दी गई है. 

चुनाव स्थगित होने से जिन दिग्गज नेताओं का कार्यकाल आज समाप्त हो गया, उनमें विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित जदयू के विधान परिषद सदस्य एवं भवन निमार्ण मंत्री अशोक चौधरी, परिषद के कार्यकारी सभापति हारुन रशीद, जदयू के ही पी. के. शाही, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता एवं हीरा प्रसाद बिंद के साथ ही भाजपा के कृष्ण कुमार सिंह, संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख तथा राधामोहन शर्मा शामिल हैं.

इसी तरह जदयू के स्नातक निवार्चन क्षेत्र पटना से सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, तिरहुत स्नातक क्षेत्र से निर्दलीय देवेशचंद्र ठाकुर, दरभंगा स्नातक क्षेत्र से जदयू के दिलीप चौधरी, कोसी स्नातक क्षेत्र से एन. के. यादव हैं. वहीं, शिक्षक निवार्चन क्षेत्र पटना से भाजपा के प्रो. नवलकिशोर यादव, तिरहुत शिक्षक क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के प्रो. संजय कुमार सिंह, दरभंगा शिक्षक निवार्चन क्षेत्र से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और सारण शिक्षक निवार्चन क्षेत्र से भाकपा के केदारनाथ पांडेय का कार्यकाल समाप्त हो गया है.

Web Title: Election of Bihar Legislative Council was not held due to Corona, this chair will remain vacant if notification is not issued

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