मुंबईः भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के एक नेता ने बुधवार कहा कि पार्टी को वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से का इस्तीफा प्राप्त हुआ है। खडसे ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने खड़से को मनाने का बहुत प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। इससे पहले राज्य के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि खडसे शुक्रवार को सत्तारूढ़ राकांपा में शामिल होंगे। भाजपा की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा, ‘‘पार्टी को खडसे का इस्तीफा प्राप्त हुआ है। हमने उन्हें मनाने का प्रयास किया लेकिन हमारा प्रयास विफल रहा। हम उन्हें उनके राजनीतिक भविष्य के लिए शुभकामना देते हैं।’’
उनकी पुत्रवधू रक्षा खड़से के भविष्य के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कहा है कि वह भाजपा में बनी रहेंगी और हमें इससे कोई परेशानी नहीं है।’’ रक्षा महाराष्ट्र में रावेर सीट से भाजपा की लोकसभा सदस्य हैं। एकनाथ खड़से तबसे असंतुष्ट थे, जब 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों में तत्कालीन देवेन्द्र फडणवीस नीत भाजपा सरकार में उनसे इस्तीफा ले लिया गया था।
भाजपा छोड़ने का खड़से का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : दानवे
केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से के पार्टी छोड़ने के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए बुधवार को कहा कि उनके मुद्दों को समय के साथ हल किया जा सकता था। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख और राज्य में मंत्री जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि खड़से शुक्रवार को शरद पवार नीत पार्टी में शामिल होंगे। खड़से को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर 2016 में देवेंद्र फड़नवीस नीत सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वह उसके बाद से नाराज चल रहे थे।
दानवे ने एक टीवी चैनल से कहा कि बाजार समिति के अध्यक्ष से लेकर राज्य में मंत्री पद तक खडसे का भाजपा में लंबा करियर था। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, "कुछ वजहों से, वह राजनीति की मुख्य धारा से दूर थे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि खड़से को भाजपा छोड़ देना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"
दानवे ने कहा, "खड़से के मुद्दों को सुलझा लिया जाता, लेकिन इसके लिए समय की जरूरत थी। कुछ कानूनी बातें थीं और उनके साफ होने के बाद पार्टी उनके साथ न्याय करती।’’ उन्होंने कहा कि खड़से अब जिस पार्टी (राकांपा) में जा रहे हैं, उसने उनकी पहले "काफी आलोचना की थी। दानवे ने कहा, ‘‘खड़से अब सब कुछ भूल गए हैं और उसी पार्टी में जा रहे हैं, जिसने उनकी आलोचना की थी।" उन्होंने कहा कि खड़से ने राज्य में भाजपा के प्रसार में योगदान दिया और "यह खडसे के लिए चुनौतीपूर्ण समय था और पार्टी ने उन्हें समझाने की पूरी कोशिश की।"