नई दिल्ली: विपक्षी नेता शरद यादव ने सोमवार को आगाह किया कि यदि देश की विशाल श्रम शक्ति को जल्दी पुनर्वासित नहीं किया जाता तो अर्थव्यवस्था 'तबाह' हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों को बिना काम के छोड़ दिया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोविड-19 (COVID-19) एक वैश्विक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन इसे हमारे देश में व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित किया जा सकता था और हमारी श्रम शक्ति को गांव नहीं जाना पड़ता तथा भूख का सामना नहीं करना पड़ता।' उन्होंने कहा कि सरकार को हमारे श्रम बल के पुनर्वास के लिए तरीकों और साधनों को खोजने के लिए तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है अन्यथा न सिर्फ अर्थव्यवस्था बल्कि देश भी तबाह हो जाएगा।
लोकतांत्रिक जनता दल के नेता ने दावा किया कि अगर लॉकडाउन पहले लागू किया जाता तो भारत बेहतर स्थिति में होता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अन्य कार्यों में व्यस्त थी। उन्होंने सरकार से कहा कि वह राजनीतिक दलों को सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपने कार्यालय खोलने की अनुमति दे। इससे उन्हें जमीनी हकीकत का पता लग सकेगा।