सोशल मीडिया विभागः कांग्रेस ने कई वरिष्ठ पदाधिकारियों की नियुक्ति की, पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के पुत्र मनीष का नाम सबसे अहम
By भाषा | Updated: July 17, 2020 15:24 IST2020-07-17T15:24:56+5:302020-07-17T15:24:56+5:30
सोनिया गांधी ने इन नियुक्तियों को स्वीकृति प्रदान की। खंडूरी के अलावा डॉक्टर विशेष को कार्यकारी समिति का सदस्य बनाया गया है। विपिन यादव को सोशल मीडिया का राष्ट्रीय समन्वय नियुक्त किया गया है। वह पहले भी इस भूमिका में रह चुके हैं।

सोशल मीडिया विभागः कांग्रेस ने कई वरिष्ठ पदाधिकारियों की नियुक्ति की, पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के पुत्र मनीष का नाम सबसे अहम
नई दिल्लीः कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया विभाग के लिए शुक्रवार को कई वरिष्ठ पदाधिकारियों की नियुक्ति की जिनमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बी सी खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी का नाम सबसे अहम है जिन्हें विभाग की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का सदस्य बनाया गया है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, सोनिया गांधी ने इन नियुक्तियों को स्वीकृति प्रदान की। खंडूरी के अलावा डॉक्टर विशेष को कार्यकारी समिति का सदस्य बनाया गया है। विपिन यादव को सोशल मीडिया का राष्ट्रीय समन्वय नियुक्त किया गया है। वह पहले भी इस भूमिका में रह चुके हैं। कांग्रेस ने 11 सह-समन्वयकों की नियुक्ति भी की है।
मप्र विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ होंगे नेता प्रतिपक्ष
मध्यप्रदेश विधानसभा के 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ विपक्ष के नेता होंगे। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया, ‘‘ हमने विधानसभा सचिवालय को पत्र भेजकर सूचित किया है कि सदन में हमारे नेता कमलनाथ होंगे।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी ने तय किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम आने के बाद कमलनाथ को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था।
मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कांग्रेस ने विपक्ष के नेता के संबंध में विधानसभा सचिवालय को एक पत्र भेजा है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल यह पत्र मुझे मिला नहीं है। संभवत: अभी यह हमारे डाक सेक्शन में होगा।’’
प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 91 विधायक हैं। सोमवार से शुरु होने वाले मानसून सत्र में कांग्रेस विपक्षी बेचों पर बैठने जा रही है। मार्च माह में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के 22 विधायक त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गये थे। इससे प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार गिर गयी थी।