दिल्ली पुलिस से इजाजत ना मिलने के बावजूद तय समय पर होगी जिग्नेश मेवाणी की 'युवा हुंकार रैली'
By कोमल बड़ोदेकर | Published: January 8, 2018 01:00 PM2018-01-08T13:00:37+5:302018-01-09T15:02:55+5:30
'लोकमत न्यूज हिंदी' से फोन पर बातचीत में जिग्नेश मेवाणी के एक करीबी शख्स ने बताया कि रैली रद्द करने की कोई योजना नहीं है।
'जिग्नेश को दिल्ली पुलिस ने नहीं दी रैली की इजाजत' जैसी खबरों का खंडन करते हुए जिग्नेश मेवाणी के एक करीबी शख्स ने कहा है कि रैली तय समय पर ही होगी। गुजरात से निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की 'युवा हुंकार रैली' मंगलवार 12 बजे प्रस्तावित है। लोकमत न्यूज हिंदी से फोन पर बातचीत में जिग्नेश मेवाणी के एक करीबी शख्स ने कहा कि हमें इजाजत मिले या न मिले लेकिन रैली तय समय पर होगी।
जिग्नेश के करीबी ने बताया कि रैली बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से तय समय दोपहर 12 बजे शुरू होगी। कार्यक्रम के मुताबिक यह रैली पार्लियामेंट स्ट्रीट से शुरू होकर पीएमओ पर खत्म होगी। इस दौरान करीब 5 डेलीगेट्स की एक टीम पुलिस की अनुमति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कई मुद्दों पर बातचीत भी करने का प्रयास करेगी।
इसके अलावा जिग्नेश ने एक ट्वीट कर साफ कर दिया कि रैली तय समय पर ही होगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, मित्रों कुछ लोग सरकार को अपना ज़मीर बेच रहे है, अफवाह को कुछ कह के खबर बेच रहे हैं।
मित्रो कुछ लोग सरकार को अपना ज़मीर बेच रहे है,
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) January 8, 2018
अफवाह को कुछ कह के खबर बेच रहे है।#युवा_हुंकार_रैली_9_जनवरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की ओर से एक बयान में कहा गया है कि अगर जबरदस्ती रैली की गई तो जिग्नेश के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में डीसीपी दिल्ली से फोन पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के कई इलाकों में एहतियातन धारा 144 लगाई गई है।
जिग्नेश मेवाणी ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पर 9 जनवरी को सामाजिक न्याय के लिए 'युवा हुंकार रैली और जनसभा' रैली की घोषणा की है। इस रैली का मकसद देश में दलितों पर हो रहे अत्याचार को बंद करना और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को रिहा करवाना है।
भीमा-कोरेगांव में दलितों के कार्यक्रम के दौरान बीती 1 जनवरी को भड़की हिंसा के बाद जिग्नेश मेवाणी पर गंभीर आरोपों के साथ ही केस दर्ज किया गया था। इसके बाद 5 जनवरी को दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस कॉफ्रेंस कर उन्होंने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी से देश के दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चुप्पी तोड़ने की अपील की थी।