जीएसटी, नीट परीक्षा और अर्थव्यवस्था पर विपक्ष लामबंद, सभी बोले- एकजुट होकर NDA से लड़ना होगा

By शीलेष शर्मा | Published: August 26, 2020 07:10 PM2020-08-26T19:10:34+5:302020-08-26T19:10:34+5:30

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी ने जिस तरह मोदी सरकार पर हमला बोला उससे साफ़ था कि कांग्रेस पहल करे तो विपक्ष संघर्ष के लिये तैयार है। उद्धव ठाकरे ने यहाँ तक कहा कि विपक्ष फैसला कर ले कि लड़ना है या डरना है।

delhi Opposition GST, NEET exam economy all have to fight unitedly with NDA | जीएसटी, नीट परीक्षा और अर्थव्यवस्था पर विपक्ष लामबंद, सभी बोले- एकजुट होकर NDA से लड़ना होगा

नीट परीक्षा का मुद्दा गरमाता  जा रहा है तथा इसी मुद्दे पर राजनीति भी गरमा रही है। (photo-ani)

Highlightsगैर भाजपा शासित राज्यों को केंद्र सरकार के खिलाफ खुल कर उतर आना चाहिये क्योंकि केंद्र उनकी आवाज़ को दवा रहा है। जीएसटी, नीट परीक्षा, मीडिया सहित केंद्र द्वारा संस्थाओं का दुरुपयोग, अर्थव्यवस्था, प्रवासी मज़दूरों, बेरोज़गारी जैसे मुद्दे बैठक में छाए रहे।सोनिया गाँधी का तर्क था कि जी एसटी का भुगतान न करना छल है जो राज्यों के साथ मोदी सरकार कर रही है।

नई दिल्लीः संसद के मानसून सत्र से पहले सोनिया गाँधी की विपक्ष को सरकार के खिलाफ लामबंद करने की कोशिश कामयाब होती दिख रही है। आज मुख्यमंत्रियों के तेवर देखने के बाद सोनिया ने जल्दी ही समान विचारों वाले दलों की बैठक बुलाने का फैसला किया है।

दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी ने जिस तरह मोदी सरकार पर हमला बोला उससे साफ़ था कि कांग्रेस पहल करे तो विपक्ष संघर्ष के लिये तैयार है। उद्धव ठाकरे ने यहाँ तक कहा कि विपक्ष फैसला कर ले कि लड़ना है या डरना है। उनकी यह दलील भी थी कि गैर भाजपा शासित राज्यों को केंद्र सरकार के खिलाफ खुल कर उतर आना चाहिये क्योंकि केंद्र उनकी आवाज़ को दवा रहा है। 

जीएसटी, नीट परीक्षा, मीडिया सहित केंद्र द्वारा संस्थाओं का दुरुपयोग, अर्थव्यवस्था, प्रवासी मज़दूरों, बेरोज़गारी जैसे मुद्दे बैठक में छाए रहे। सोनिया गाँधी का तर्क था कि जी एसटी का भुगतान न करना छल है जो राज्यों के साथ मोदी सरकार कर रही है।

सोनिया ने हवाई अड्डे, रेल, कोयला खदानें, शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने का पुरजोर विरोध करते हुये इस बात का भी उल्लेख किया कि लोकतंत्र को ख़त्म करने का षड्यंत्र हो रहा है। लोगों की आवाज़ और विचारों को दबाया जा रहा है। ममता बनर्जी पूरी बैठक में आक्रामक तेवरों के साथ मोदी सरकार पर हमला करती नज़र आयीं।

उन्होंने आह्वान किया कि सड़कों पर उतरने का समय आ गया है ,देखते हैं यह सरकार किस किस को जेल में डालती है। उनका सुझाव था कि नीट सहित सभी परीक्षाओं को टालने के लिए विपक्षी सरकारें सर्वोच्च न्यायालय में याचिका डालें तथा मोदी सरकार पर दवाब बनायें कि वह केंद्र की ओर से फैसले के खिलाफ अपील करे।

नीट परीक्षा का मुद्दा गरमाता  जा रहा है तथा इसी मुद्दे पर राजनीति भी गरमा रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना था कि कमजोर विपक्ष का लाभ मोदी सरकार उठा रही है। विपक्ष को लामबंद होकर मोदी सरकार के खिलाफ अब उतर जाना चाहिये।

नीट व् अन्य परीक्षाओं को लेकर राहुल भी मैदान में कूद पड़े हैं उन्होंने ट्वीट किया " नीट और जेईई परीक्षा में बैठने वाले छात्र अपने स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उनके मुद्दे हैं-कोविड 19 संक्रमण ,महामारी में परिवहन और आवास की कमी ,असम-बिहार में बाढ़ की तबाही। भारत सरकार को सब पक्षों की बात सुनकर एक सार्थक समाधान निकालना चाहिए।"

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