महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की उद्धव की यह पहली यात्रा है।
पीएम मोदी से मिलने के बाद सीएम उद्धव और आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस दौरान सूत्रों ने कहा कि कई मुद्दे पर नेताओं में बातचीत हुई। चर्चा है कि सीएम ठाकरे और सोनिया गांधी CAA, NRC, NPR पर बात की।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा में गठबंधन है। गठबंधन में कुछ मुद्दों को लेकर दलों में असहमति है। हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार पार्टी की बैठक कर चुके हैं। भीमा कोरेगांव को लेकर भी मनमुटाव देखने को मिला।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और सहयोग के लिए धन्यवाद किया। मुलाकात के दौरान ठाकरे के पुत्र और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे भी थे। पहली बार शिवसेना का कोई प्रमुख कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर पहुंचा।
सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान ठाकरे ने सहयोग के लिए सोनिया का धन्यवाद किया और राज्य सरकार के अब तक कुछ कदमों और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सोनिया और उद्धव की मुलाकात उस वक्त हुई है जब वीर सावरकर, एनआरसी एवं एनपीआर और भीमा-कोरेगांव जैसे मामलों को लेकर शिवसेना एवं कांग्रेस के नेता हाल के दिनों में अलग अलग ध्रुव पर नजर आए हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व गठबंधन सरकार का गठन किया। उद्धव के शपथ ग्रहण के लिए आदित्य ठाकरे ने सोनिया को उनके आवास पर जाकर निमंत्रित किया था। शिवसेना की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी न्यौता दिया गया था, लेकिन तीनों में से कोई भी शामिल नहीं हुआ। कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शपथ ग्रहण में शामिल हुए थे।
उद्धव के साथ उनके पुत्र आदित्य ठाकरे भी प्रधानमंत्री से मिले। आदित्य राज्य सरकार में मंत्री भी हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलकात की।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी तल्खी आ गई थी। शिवसेना ने गठबंधन से अलग होते हुए कांग्रेस, राकांपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई ।