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सीडब्ल्यूसीः सात घंटे की हंगामेदार मैराथन बैठक, सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बने रहने पर कार्य समिति ने लगाई मुहर

By शीलेष शर्मा | Updated: August 24, 2020 20:30 IST

सूत्रों के अनुसार फरवरी - मार्च 2021 से पहले पार्टी के महाअधिवेशन होने की कोई संभावना नहीं है। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि इस महा अधिवेशन के दौरान राहुल गाँधी को अध्यक्ष का पद सौपने की तैयारी होगी। 

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ठळक मुद्देनेतृत्व को लेकर जो पत्र सोनिया गाँधी को लिखा गया उससे वे काफी आहत थीं, जिसका उल्लेख उन्होंने स्वयं बैठक समाप्त होने के समय किया।परिवार की एकजुटता को रखने के लिए बिना किसी दुर्भावना के मिलकर काम करना चाहती हैं, यही कांग्रेस की ताकत है और यही उसकी मूल भावना। इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमज़ोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और ना ही दी जाएगी।

नई दिल्लीः सात घंटे की हंगामेदार बैठक के बाद सोनिया गाँधीकांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। उनका कार्यकाल तब तक जारी रहेगा जब तक कि कांग्रेस महाअधिवेशन में पार्टी अपना  नया अध्यक्ष नहीं चुन लेती।

सूत्रों के अनुसार फरवरी - मार्च 2021 से पहले पार्टी के महाअधिवेशन होने की कोई संभावना नहीं है। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि इस महा अधिवेशन के दौरान राहुल गाँधी को अध्यक्ष का पद सौपने की तैयारी होगी। 

पार्टी के 23 नेताओं द्वारा नेतृत्व को लेकर जो पत्र सोनिया गाँधी को लिखा गया उससे वे काफी आहत थीं, जिसका उल्लेख उन्होंने स्वयं बैठक समाप्त होने के समय किया। सोनिया ने कहा कि वे इस पत्र से काफी आहत हैं, लेकिन कांग्रेस एक परिवार है और वे परिवार की एकजुटता को रखने के लिए बिना किसी दुर्भावना के मिलकर काम करना चाहती हैं, यही कांग्रेस की ताकत है और यही उसकी मूल भावना। 

बैठक के अंत में पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमे कहा गया है, "इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमज़ोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और ना ही दी जाएगी।" प्रस्ताव में चार प्रमुख बिंदुओं की चर्चा की गयी है  जिसमें पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार विमर्श मीडिया के माध्यम से अथवा सार्वजनिक तौर पर करने को प्रतिबंधित किया गया है।

पार्टी नेताओं को सख्त हिदायत दी गयी है कि वे पार्टी मंच पर ही अपनी बात कहें।  बैठक में सबसे अधिक तल्खी उस पत्र के लीक होने को लेकर थी। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोनिया गाँधी जल्दी ही एक चार अथवा  पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करेंगी जो रोज़मर्रा के काम के अलावा संगठन में बदलाव, सदस्यता अभियान और  महाअधिवेशन को लेकर अपनी राय नेतृत्व को देगी। 

इसी के साथ समूची कार्य समिति ने सोनिया गाँधी को यह अधिकार भी सौंप दिया कि वे पार्टी संगठन में जिस प्रकार के बदलाव चाहती हैं उन पर फैसला लें ताकि उनपर अमल हो सके।  सूत्र बताते हैं कि पार्टी में जल्दी ही कुछ उपाध्यक्षों की नियुक्ति के अलावा महासचिव स्तर पर फेर बदल संभव है।   

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