लाइव न्यूज़ :

कोविड-19 महामारी और बाढ़ः लोकसभा की एक, विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव नहीं, जानिए किस राज्य में होना था चुनाव

By भाषा | Updated: July 23, 2020 18:15 IST

अधिकारी ने कहा कि चुनाव कानून के मुताबिक चुनाव आयोग को किसी सीट के रिक्त होने पर 180 दिन (छह महीने) के अंदर उप चुनाव कराना होगा। इन सीटों पर उप चुनाव कराने की छह महीने की समय सीमा जुलाई, अगस्त और सितंबर की विभिन्न तारीखों पर समाप्त हो रही है।

Open in App
ठळक मुद्देतमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में विधानसभा की दो-दो सीटें तथा असम, मध्य प्रदेश और केरल में विधानसभा की एक-एक सीट शामिल हैं।आयोग इन उप चुनावों का कार्यक्रम निर्धारित करने पर चर्चा करने के लिये अब शुक्रवार को बैठक करेगा। ज्यादातर सीट वहां के मौजूदा प्रतिनिधियों की मृत्यु हो जाने के चलते रिक्त हुई हैं।

नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने लोकसभा की एक और विधानसभा की सात सीटों के लिये होने वाले उप चुनाव को ‘‘इन निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ असाधारण परिस्थितियों’’के चलते फिलहाल टाल दिया है।

आयोग इन उप चुनावों का कार्यक्रम निर्धारित करने पर चर्चा करने के लिये अब शुक्रवार को बैठक करेगा। जिन राज्यों में उप चुनाव टाले गये हैं, उनमें बिहार में वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में विधानसभा की दो-दो सीटें तथा असम, मध्य प्रदेश और केरल में विधानसभा की एक-एक सीट शामिल हैं।

इनमें से ज्यादातर सीट वहां के मौजूदा प्रतिनिधियों की मृत्यु हो जाने के चलते रिक्त हुई हैं। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी और बाढ़ , इस निर्णय के पीछे दो मुख्य कारण हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि चुनाव कानून के मुताबिक चुनाव आयोग को किसी सीट के रिक्त होने पर 180 दिन (छह महीने) के अंदर उप चुनाव कराना होगा। इन सीटों पर उप चुनाव कराने की छह महीने की समय सीमा जुलाई, अगस्त और सितंबर की विभिन्न तारीखों पर समाप्त हो रही है।

इन सीटों पर छह महीने की समय सीमा का पालना करना मुश्किल है

अधिकारी ने बताया कि आयोग ने जब स्थिति की समीक्षा की तब पाया कि इन सीटों पर छह महीने की समय सीमा का पालना करना मुश्किल है और उप चुनाव टालने के लिये केंद्रीय कानून मंत्रालय से संपर्क किया। उल्लेखनीय है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 के तहत कुछ खास मामलों में, चुनाव आयोग केंद्र सरकार (केंद्रीय कानून मंत्रालय) की सलाह से यह प्रमाणित करता है कि छह महीने की समय सीमा के अंदर उप चुनाव कराना मुश्किल है।

चुनाव आयोग ने इस प्रावधान का उपयोग करते हुए इन आठ सीटों पर उप चुनाव टालने के लिये 22 जुलाई को एक प्रमाणपत्र जारी किया। आयोग ने एक बयान में बृहस्पतिवार को कहा , ‘‘उप चुनाव के समय आदि का यह विषय भी कल (शुक्रवार) को होने वाले चुनाव आयोग की बैठक के लिये निर्धारित है।’’ बयान में कहा गया है कि कुल 56 विधानसभा सीटों और लोकसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है। इनमें उप चुनाव टाल दी गई आठ सीटें भी शामिल हैं।

हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि उसके एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इन आठ सीटों पर उपचुनाव के बारे में कानून मंत्रालय को लिखे पत्र के कारण कुछ भ्रम की स्थिति बनी है। आयोग ने स्पष्ट किया, ‘‘यह सिर्फ आठ सीटों के बारे में है, जिसका उल्लेख कानून एवं न्याय मंत्रालय को किया गया है... कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ असाधारण परिस्थितियां पैदा हो गई हैं।’’ बयान में कहा गया है कि आयोग ने सात सितंबर 2020 तक सिर्फ इन आठ सीटों पर उप चुनाव टालने का निर्णय लिया है। शेष 49 निर्वाचन क्षेत्रों में सात सितंबर के बाद उप चुनाव होने हैं।

टॅग्स :चुनाव आयोगबिहारतमिलनाडुउत्तर प्रदेशमध्य प्रदेशअसमकेरल
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा