Migrant crisis: लाखों प्रवासी श्रमिक पर राजनीति जारी, मायावती बोलीं- भाजपा-कांग्रेस जिम्मेदार, बुरी तरह से पिस रहे हैं कामगार
By भाषा | Published: May 27, 2020 02:32 PM2020-05-27T14:32:20+5:302020-05-27T14:35:07+5:30
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार और कांग्रेस पर हमला बोला है। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि दोनों दल के कारण मजदूर पिस रहे हैं। इस समय राजनीति सही नहीं। फिलहाल हमें रोजगार पर ध्यान देना होगा।
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भाजपा और कांग्रेस को आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर प्रवासी मजदूरों पर ध्यान देने की अपील की है।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया, "केन्द्र एवं महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अब भी बहुत बुरी तरह पिस रहे हैं, जो अति-दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने कहा "जरूरी है कि वे आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें, ताकि कोरोना वायरस की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिन्दगी बर्बाद होने से बच सके।"
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वैसे भी चाहे भाजपा की सरकारें हों या फिर कांग्रेस पार्टी की... कोरोना वायरस महामारी और लम्बे लॉकडाउन से सर्वाधिक पीड़ित प्रवासी श्रमिकों एवं चिकित्साकर्मियों के हितों की उपेक्षा और प्रताड़ना जिस प्रकार लगातार की जा रही है, वह अनुचित है ओर देशहित में कतई नहीं है। सरकारें तुरन्त ध्यान दें।"
प्रवासी श्रमिकों की दशा के लिये भाजपा और कांग्रेस जिम्मेदार हैं व दोनों पार्टियों को इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप में शामिल रहने के बजाय उनके कल्याण के लिये काम करना चाहिए। मायावती ने कहा कि यदि सत्तारूढ़ भाजपा ने समय पर कारोबारियों की मदद की होती, तो श्रमिकों को आजीविका के संकट का सामना नहीं करना पड़ता।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि यदि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के समय रहते संकेत दिया होता, तो प्रवासी श्रमिकों ने अपने गृह राज्य लौटने का खुद से इंतजाम कर लिया होता। मायावती ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि इस पार्टी ने दशकों तक केंद्र में राज किया है, लेकिन रोजगार के अवसर पैदा करने के लिये बहुत कम काम किया। उन्होंने एक बयान में कहा कि इसके चलते लोगों ने आजीविका के लिये बड़े शहरों का रुख किया।
उन्होंने कहा कि यह वक्त भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप खत्म करने और प्रवासी श्रमिकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का है। मायावती ने कहा कि जब उन्होंने हाल ही में यह टिप्पणी की कि श्रमिकों की दशा के लिये केंद्र की भाजपा सरकारों की तुलना में कांग्रेस कहीं अधिक जिम्मेदार है, तब उन पर केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी से हाथ मिलाने का आरोप लगाया गया।
उन्होंने कहा कि बसपा इन दोनों पार्टियों के साथ मिल कर कोई चुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि यह (बसपा) इन दोनों पार्टियों द्वारा पूंजीवाद और जातिवाद की राजनीति किये जाने के खिलाफ है। प्रवासी श्रमिकों के लौटने से वायरस का संक्रमण फैलने संबंधी राज्यों के दावों को लेकर भी उनकी आलोचना की। मायावती ने कहा कि लौटने वालों को संक्रमण के मामले बढ़ने के लिये जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। राज्यों द्वारा बनाया गया पृथक-वास केंद्र स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर देगा।
2.वैसे भी चाहे बीजेपी की सरकारें हों या फिर कांग्रेस पार्टी की, कोरोना महामारी व लम्बे लाॅकडाउन से सर्वाधिक पीड़ित प्रवासी श्रमिकों व मेडिकलकर्मियों के हितों की उपेक्षा व प्रताड़ना जिस प्रकार से लगातार की जा रही है वह भी उचित व देशहित में कतई नहीं है। सरकारें तुरन्त ध्यान दें।
— Mayawati (@Mayawati) May 27, 2020