नई दिल्लीः कांग्रेस अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की। सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से कहा कि अगर नजरअंदाज किया गया तो एमएसएमई संकट विनाशकारी होगा और हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा।
सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस के संकट में मुश्किल का सामना कर रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की स्थिति पर शनिवार को चिंता जाहिर की और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये के वेतन सुरक्षा पैकेज की घोषणा करने, एक लाख करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष बनाने और कई अन्य कदम उठाये जाने का आग्रह किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि अगर सरकार समय रहते कदम उठाती है तो उस एमएसएमई क्षेत्र को बड़ी राहत मिल सकती है जो देश में 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है। सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को रोजाना करीब 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का रोजगार जाने का खतरा पैदा हो गया है क्योंकि एमएसएमई इकाइयों को अपने यहां काम करने वालों को वेतन देने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, ‘‘एक लाख करोड़ रुपये के ‘एमएसएमई वेतन सुरक्षा’ पैकेज की घोषणा की जाए। यह नौकरियों को सुरक्षित रखने और हौसला बढ़ाने में मददगार होगा तथा इससे आर्थिक नुकसान की धारणा को भी खत्म किया जा सकेगा।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष स्थापित किया जाए ताकि एमएसएमई क्षेत्र के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी मांग की कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से उठाए गए कदमों का असर दिखना चाहिए और वाणिज्यिक बैंकों से एमएसएमई को कर्ज मिलना सुनिश्चित हो।
इस क्षेत्र की सहूलियत के लिए संबंधित मंत्रालय में एक हेल्पलाइन स्थापित की जाए। सोनिया ने आग्रह किया कि एमएसएमई द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज के भुगतान को तीन महीने के लिए टाला जाए तथा सरकार इस क्षेत्र से जुड़े कर को माफ करने अथवा कम करने पर विचार करे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को जिन वजहों से ऋण मिलने में अवरूद्ध पैदा हो रहा है, उन्हें दूर किया जाए।
देश भर में जारी कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस ने कहा कि बिना योजना के नोटबंदी की तरह ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश भर में लॉडाउन लगा दिया है।
इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार के इस नासमझी की वजह से देश के करोड़ों लोगों की नौकरी हाथ से चली गई है। देश में करोड़ों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आने वाले दो से तीन सप्ताह में लाखों नौकरी जाने की आशंका है। ऐसे में केंद्र सरकार ने बोरोजगार होने वाले इन युवाओं के बारे में क्या सोचा है? भाजपा सरकार के पास क्या इन करोड़ों लोगों को मदद करने की कोई योजना है?
कोरोना संकट से निपटने के लिए जल्द राष्ट्रीय योजना बनाए सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने शनिवार को सरकार से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनायी जाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के समय में ‘अर्थव्यवस्था का लॉकआउट’ हो गया है और ऐसे में सरकार को कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आप सलाह दजिए, लेकिन कभी-कभी कांग्रेस पार्टी की सलाह भी ले लीजिए।’’ कांग्रेस नेता के मुताबिक कोविड-19 के बाद नया हिंदुस्तान बनाना है। हम सब मिलजुलकर देश को आगे बढ़ाएं।
उन मुद्दों पर ध्यान दें जो देश को आगे बढ़ाने वाले हैं। इनमें शिक्षा और स्वास्थ्य महत्वपूण मुद्दे हैं। प्रधानमंत्री बताएं कि इन पर उनकी योजना क्या है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं। अगर भारत को आत्मनिर्भर होना है, यह कैसे होगा? हम तो बाहर की कंपनियों पर निर्भर हैं। ज्यादातर कपंनियां तो बाहर हैं।’’ सिब्बल ने कहा, ‘‘ कच्चे तेल का दाम 20 डॉलर हो गया है और पेट्रोल एवं डीजल की कीमत वही बनी हुई है। आप इसका फायदा जनता को क्यों नहीं दे रहे हैं?’’
सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि रोकने का उल्लेख करते हुए उन्होंने सवाल किया कि यह कदम क्यों उठाया गया? उन्होंने आपदा मोचन अधिनियम-2005 का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ इस कानून के मुताबिक एक राष्ट्रीय प्राधिकरण होता है जिसमें नौ मनोनीत सदस्य होते हैं इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। इसके तहत एक राष्ट्रीय योजना बनानी होती है।’’ सिब्बल ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘हमारी सलाह है कि जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय योजना बनाइए।’’ सिब्बल के अनुसार इस कानून के तहत लोगों को दी जाने वाली सुविधाएं भी लिखित हैं।
लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने मूडीज और कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमान का उल्लेख करते हुए कहा ‘‘मुझे लगता है कि भारत की विकास दर नकारात्मक रहेगी। इस स्थिति के लिए सरकार और प्रधानमंत्री को तैयार रहना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यों के पास पैसे नहीं है और ऐसे में केंद्र को उन्हें धन मुहैया कराया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया, ‘‘नॉर्थ ब्लॉक में बैठे नौकरशाह नीतियां बना रहे हैं, जबकि उन्हें राज्यों और आम लोगों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है।’’