Coronavirus lockdown: मायावती बोलीं-सरकारी गोदामों का गल्ला आखिर किस दिन काम आएगा, नहीं तो भूख से तड़प कर मर जाएंगे लोग
By भाषा | Published: April 27, 2020 03:13 PM2020-04-27T15:13:11+5:302020-04-27T15:13:11+5:30
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि आप सरकारी गोदाम में रखे अनाज गरीब प्रवासी मजदूरों के लिए खोला जाए। बसपा प्रमुख ने कहा कि आखिर वह अनाज कब काम आएंगे।
लखनऊः बसपा अध्यक्ष मायावती ने लॉकडाउन के दौरान लाखों गरीब प्रवासी मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने के लिये सरकारी गोदामों में रखे अनाज का इस्तेमाल किए जाने की मांग की है।
मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया,''केन्द्र और सभी राज्य सरकारें कोरोना वायरस की जांच बढ़ाने के साथ-साथ लाखों लाचार गरीब मजदूर प्रवासियों को पेट भर खाना उपलब्ध करायें, वरना भूख से तड़पते ये लोग कैसे अपनी रोग प्रतिरोधक बढ़ाकर घातक कोरोना वायरस बीमारी से बच पायेंगे? सरकारी गोदामों का गल्ला आखिर किस दिन काम आएगा?''
उन्होंने कहा ''वैसे बेहतर तो यही होगा कि सरकारें बंद के दौरान पीड़ित इन लाखों मज़लूम और मजबूर लोगों के लिए जल्दी से जल्दी उचित व्यवस्था करके इन्हें इनके घरों में सुरक्षित भिजवाये तथा इन्हें फौरी तौर पर कुछ आर्थिक मदद भी जरूर दे। बसपा एक बार फिर यह मांग करती है।''
2. वैसे बेहत्तर तो यही होगा कि सरकारें लाॅकडाउन से पीड़ित इन लाखों मज़लूम व मजबूर लोगों की जल्दी से जल्दी उचित व्यवस्था करके इन्हें इनके घरों में सुरक्षित भिजवाये तथा इनको जीने के लिए फौरी तौर पर इनकी कुछ आर्थिक मदद भी जरूर करे, बी.एस.पी. की पुनः यह माँग है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) April 27, 2020
रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रखने के लिये प्रवासी मजदूरों को भरपेट भोजन दे सरकार : मायावती
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र और राज्य सरकारों से मांग की है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को वायरस की चपेट में आने से बचाने के लिये उन्हें भरपेट भोजन मुहैया कराया जाये ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे।
मायावती ने सोमवार को केन्द्र और राज्य सरकारों से यह मांग करते हुये कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिये इसके परीक्षण का दायरा बढ़ाने का सुझाव भी दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केन्द्र व सभी राज्य सरकारें, कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाने के साथ-साथ खासकर लाचार लाखों गरीब मजदूर प्रवासियों को पेट भर खाना उपलब्ध करायें वरना भूख से तड़पते ये लोग कैसे अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर घातक कोरोना बीमारी से बच पायेंगे?’’ उन्होंने सरकार से गरीब मजदूरों को भूख से बचाने के लिये पूछा, ‘‘सरकारी गोदामों का गल्ला आखिर किस दिन काम आएगा?’’
लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न इलाकों में फंसे प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न की समस्या से बचाने के लिये राज्य सरकारों को इन्हें सुरक्षित इनके घरों तक पहुंचाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे बेहतर तो यही होगा कि सरकारें, लॉकडाउन से पीड़ित इन लाखों मज़लूम व मजबूर लोगों की जल्दी से जल्दी उचित व्यवस्था करके इन्हें इनके घरों में सुरक्षित भिजवाये।’’ मायावती ने बसपा की इस मांग को भी दोहराया कि प्रवासी मजदूरों को जीवन यापन के लिए फौरी तौर पर इनकी कुछ आर्थिक मदद भी जरूर की जाये।