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‘खोदा पहाड़, निकला जुमला’, पीएम ने वादा किया था, काफी कम है और बेहद निराशाजनक, आर्थिक पैकेज पर कांग्रेस ने केंद्र पर बोला हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 14, 2020 19:09 IST

वित्तमंत्री ने कहा कि भारत में 8 करोड़ प्रवासी कामगार हैं, 2011 की जनगणना के अनुसार सही आंकड़ा 11 करोड़ है। उन्होंने कहा कि हमने 10 लाख लोगों को घर पहुंचाया है। उनके आंकड़ों के हिसाब से 7.90. करोड़ के बारे में क्या?

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ठळक मुद्देआनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश से जो वादा किया था, आर्थिक पैकेज उससे काफी कम है और बेहद निराशाजनक है।आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कोई राहत नहीं दी गई।

नई दिल्लीः आर्थिक पैकेज पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खोदा पहाड़, निकला जुमला’।

आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश से जो वादा किया था, आर्थिक पैकेज उससे काफी कम है और बेहद निराशाजनक है। वित्त मंत्री की प्रेस वार्ता अहंकार, अज्ञान का और असंवेदनशीलता का स्पष्ट प्रदर्शन था। वित्त मंत्री का आर्थिक पैकेज कुछ और नहीं बल्कि, "जुमला पैकेज" है। 

कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कोई राहत नहीं दी गई। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘ निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ-खोदा पहाड़, निकला जुमला।’’

गौरतलब है कि मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूरों एवं कुछ अन्य वर्गों के लिए राहत की घोषणाएं कीं और कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा।

‘अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण’ है सरकार का व्यवहार: कांग्रेस

कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रवासी श्रमिकों को कोई राहत नहीं दी गई और सरकार का व्यवहार ‘अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण’ है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘ निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ-खोदा पहाड़, निकला जुमला।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज को लेकर जो उम्मीद जगाईं थीं वो धरी की धरी रह गईं।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत ने नरेंद्र मोदी पर विश्वास किया कि वह आर्थिक पैकेज को लेकर गंभीर हैं। लेकिन वित्त मंत्री की घोषणाओं से सारी उम्मीदें खत्म हो गईं।’’ कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वीडियो लिंक के जरिये संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री प्रवासी श्रमिकों से माफी मांगेंगे और गलतियों को सुधारेंगे। लेकिन उन्होंने जले पर नमक छिड़कने काम किया है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जिस तरह से सरकार पेश आई वो अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण है।’’

तिवारी के मुताबिक 1947 के विभाजन के बाद पैदा हुए मानवीय संकट और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोगों के पलायन के बाद यह सबसे बड़ी मानवीय आपदा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुश्किल समय में सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में सिर्फ 3500 करोड़ रुपये श्रमिकों को दे रही है जो इस आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस वक्त लोगों को अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यह 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज नहीं, बल्कि ‘लोन मेला’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को लगता है कि बड़ी-बड़ी बातें करके सवालों से बच जाएगी, लेकिन यह नहीं चलने वाला है। लोगों को समझ आ रहा है कि सकार संकट के समय सहायता नहीं कर रही है, बल्कि कर्ज बांट रही है।’’ सुप्रिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मनरेगा का मजाक बनाया था, लेकिन आज संकट में मनरेगा ही ग्रामीण भारत में लोगों का मददगार बना है।’’

गौरतलब है कि मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूरों एवं कुछ अन्य वर्गों के लिए राहत की घोषणाएं कीं और कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा। 

इनपुट भाषा से

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