कोरोना वायरसः सीएम गहलोत ने फिर केंद्र की भूमिका पर उठाए सवाल, कहा- हम तो वंचितों को हर संभव मदद करेंगे, लेकिन...
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: April 21, 2020 16:30 IST2020-04-21T16:30:10+5:302020-04-21T16:30:10+5:30
राज्य सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के प्रयास कर रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केन्द्र सरकार की भूमिका बड़ी है.

कोरोना वायरसः सीएम गहलोत ने फिर केंद्र की भूमिका पर उठाए सवाल, कहा- हम तो वंचितों को हर संभव मदद करेंगे, लेकिन...
कोरोना वायरस के अटैक के चलते राजस्थान कई समस्याओं से घिरा है, इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने फिर केन्द्र की भूमिका पर उठाए सवाल और कहा कि हम तो वंचितों को हर संभव मदद करते रहेंगे.
सीएम गहलोत का कहना है कि जब तक अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी तब तक राजस्थान सरकार वंचितों की हर संभव सहायता करेगी.
यही नहीं, उन्होंने गरीबों के साथ-साथ मध्यमवर्ग को लेकर भी कहा कि बेसहारा और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना से वंचित व्यक्ति हमारा टारगेट ग्रुप है और इनकी मदद करना हमारा संकल्प है.
उनका मानना है कि मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं, निम्न मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं. राज्य सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के प्रयास कर रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केन्द्र सरकार की भूमिका बड़ी है. सीएम गहलोत का कहना है कि यह संकट कब तक खत्म होगा, इसका कोई अंदाजा इस समय नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इससे जूझने के लिए पूरे देश, दुनिया और प्रदेश में आपसी सहयोग की एक भावना विकसित हुई है.
इस संकट काल में कई नई तरह की उलझने भी खड़ी हो गई हैं, जिनको सुलझाने के लिए भी गहलोत सरकार प्रयास कर रही है.
निजी स्कूलों की व्यवस्था और फीस के संबंध में उनका कहना है कि निजी स्कूलों को जून माह तक अभिभावकों से फीस वसूली स्थगित करने का निर्णय किया गया है और इस अवधि में विद्यार्थियों को स्कूल से नहीं निकालने के लिए निर्देशित भी किया है, लेकिन फीस माफ करने के विषय में अभी कोई प्रस्ताव नहीं है. आगे की योजना पर फिर विचार करेंगे, क्योंकि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना है कि फीस की कमी के चलते निजी स्कूलों के बंद होने की नौबत नहीं आए.
उन्होंने इस संकट काल में केन्द्र की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों ने केन्द्र सरकार को मदद के लिए कई पत्र लिखे हैं और राहत पैकेज की मांग की है. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस पर काम कर रही होगी और जल्दी ही राज्यों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा की जाएगी.
इतना ही नहीं, राजस्थान के जो लोग लाॅक डाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे हैं, उनके बारे में सीएम गहलोत का कहना है कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है.
केन्द्र सरकार से इस विषय पर कई बार चर्चा की गई है और अब केन्द्रीय गृहमंत्री से भी फोन पर गंभीर विमर्श हुआ है. राजस्थान के प्रवासी अपने गृहराज्य से गहरा लगाव रखते हैं और सुख-दुख में हमेशा आते-जाते रहते हैं. इसीलिए, देशभर में जो प्रवासी राजस्थानी हैं, राज्य सरकार उन्हें भी एक बार अपने गांव आने का अवसर देने के लिए प्रयासरत है. सीएम गहलोत का कहना है कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे 4,000 बच्चों को भी जल्द ही उनके जिलों में भेजा जाएगा.