'नमस्ते ट्रंप’ पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए तो फिर मजदूरों के लिए मुफ्त रेल यात्रा क्यों नहीं: प्रियंका गांधी
By भाषा | Published: May 4, 2020 01:10 PM2020-05-04T13:10:42+5:302020-05-04T13:14:03+5:30
प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए कथित तौर पर लिए जा रहे किराया को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले कांग्रेस ये घोषणा कर चुकी है कि वो श्रमिकों के रेल टिकर का खर्च वहन करेगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर किराया लिए जाने को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि जब ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं तो फिर संकट के समय मजदूरों को मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा सकती?
उन्होंने ट्वीट किया, 'मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर की ठोकर खा रहे हैं। यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है।' प्रियंका ने साथ ही सवाल किया, 'जब हम विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्री पीएम केयर्स कोष में 151 करोड़ रु दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?'
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि वह घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी।'
मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर दर ठोकर खा रहे हैं-यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 4, 2020
जब हम विदेश में फँसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रु खर्च कर सकते हैं.. 1/2#CongressForIndiapic.twitter.com/KF0t5JcYYG
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन पार्टी की प्रदेश इकाइयां करेंगी।
उन्होंने एक बयान में कहा, 'कांग्रेस ने कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार-बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने। इसलिए कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी।'
हालांकि, बता दें कि इस बीच रेलवे ने भी साफ किया है कि उसने प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेचा है। रेलवे सूत्रों के अुनुसार राज्य सरकारों से केवल मानक किराया वसूल रहा है, जो रेलवे की कुल लागत का महज 15% है।