नरसिंह राव के साहसिक नेतृत्व के चलते भारत कई चुनौतियों से निपटने में सफल रहा: सोनिया गांधी
By भाषा | Updated: July 24, 2020 21:37 IST2020-07-24T14:22:42+5:302020-07-24T21:37:26+5:30
नरसिंह राव 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री थे। वह विद्वान, लेखक और बहुभाषी व्यक्ति थे।

नरसिंह राव कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
नई दिल्लीः कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के साहसिक नेतृत्व के चलते देश कई चुनौतियों से पार पाने में सफल रहा और उनकी उपलब्धियों एवं योगदान पर पार्टी को गर्व है।
राव की याद में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से शुरू किए गए जन्म शताब्दी समारोह के मौके पर भेजे संदेश में सोनिया ने यह टिप्पणी की। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संदेश में नरसिंह राव सरकार के पहले बजट का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके योगदान की बदौलत आधुनिक भारत निरंतर आकार ले रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पी वी नरसिंह राव का जन्म शताब्दी वर्ष हम सभी के लिए मौका है कि हम एक बहुत विद्वान व्यक्तित्व को याद करें और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें। राज्य और राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में लंबा जीवन बिताने के बाद वह ऐसे समय देश के प्रधानमंत्री बने जब गंभीर आर्थिक संकट था। उनके साहसिक नेतृत्व के चलते देश कई सारी चुनौतियों से पार पाने में सफल रहा।’’
1991 को पेश किए गए बजट ने हमारे देश में आर्थिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया
सोनिया गांधी के मुताबिक, 24 जुलाई, 1991 को पेश किए गए बजट ने हमारे देश में आर्थिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया। नरसिंह राव के कार्यकाल में देश ने कई राजनीतिक, सामाजिक और विदेश नीति की उपलब्धियां हासिल कीं। वह एक समर्पित कांग्रेसी थे जिन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में पार्टी की पूरे समर्पण के साथ सेवा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं तेलंगाना कांग्रेस कमेटी की ओर से किए गए आयोजन के लिए उसे बधाई देती हूं। कांग्रेस को उनकी विभिन्न उपलब्धियों और योगदान पर गर्व है।’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम एक ऐसे व्यक्ति की विरासत का जश्न मना रहे हैं जिनके योगदान के कारण आधुनिक भारत निरंतर आकार ले रहा है। किशोरावस्था में कांग्रेस में शामिल होने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बनने तक के उनके लंबे राजनीतिक सफर के दौरान 24 जुलाई, 1991 को पेश बजट में उनकी छाप एवं प्रतिबद्धता दिखती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस दिन भारत आर्थिक बदलाव के साहसिक मार्ग पर चला और नरसिंह राव जी और मनमोहन सिंह जी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ गौरतलब है कि राव का जन्म 28 जून, 1921 को हुआ था और उनका निधन 23 दिसंबर, 2004 को हुआ। वह 21 जून, 1991 से 16 मई, 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
पढ़ें नरसिंह राव का राजनीतिक सफर
पेशे से कृषि विशेषज्ञ एवं वकील राव राजनीति में आए एवं कुछ महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला। वे आंध्र प्रदेश सरकार में 1962 से 64 तक कानून एवं सूचना मंत्री, 1964 से 67 तक कानून एवं विधि मंत्री, 1967 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री एवं 1968 से 1971 तक शिक्षा मंत्री रहे। वे 1971 से 73 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
वे 1957 से 1977 तक आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य, 1977 से 84 तक लोकसभा के सदस्य रहे और दिसंबर 1984 में रामटेक से आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए। लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के तौर पर 1978-79 में उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय के एशियाई एवं अफ्रीकी अध्ययन स्कूल द्वारा आयोजित दक्षिण एशिया पर हुए एक सम्मेलन में भाग लिया।
राव 14 जनवरी 1980 से 18 जुलाई 1984 तक विदेश मंत्री, 19 जुलाई 1984 से 31 दिसंबर 1984 तक गृह मंत्री एवं 31 दिसंबर 1984 से 25 सितम्बर 1985 तक रक्षा मंत्री रहे। उन्होंने 5 नवंबर 1984 से योजना मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। 25 सितम्बर 1985 से उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में पदभार संभाला।