पैसे के लिए मोहताज हो रही रही है कांग्रेस, फंड जुटाने को राहुल गांधी ने उठाया बड़ा कदम

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: August 22, 2018 15:53 IST2018-08-22T13:43:53+5:302018-08-22T15:53:35+5:30

कांग्रेस में आर्थ‌िक तंगी की हालत ऐसी हो गई है कि कोई भी इस काम को अपने सिर पर लेना नहीं चाह रहा है।

Congress suffering with raising fund, Rahul Gandhi takes strong step | पैसे के लिए मोहताज हो रही रही है कांग्रेस, फंड जुटाने को राहुल गांधी ने उठाया बड़ा कदम

पैसे के लिए मोहताज हो रही रही है कांग्रेस, फंड जुटाने को राहुल गांधी ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली, 22 अगस्तःकांग्रेस इस वक्त आर्थ‌िक तंगी से जूझ रही है। कई तरह की कोशिश के बावजूद नई परिस्थितियों में कांग्रेस के लिए फंड इकट्ठा करने में भारी मुश्किलात का सामना कर पड़ा रहा है। स्थिति ऐसे बन आई कि खुद राहुल गांधी को हस्तक्षेप करते हुए एक बड़ा कदम उठाना पड़ा। लेकिन दुविधा यह है कि क्या उनका यह कदम कारगर साबित होगा? क्योंकि उन्होंने कांग्रेस को इस संकट से उबारने के लिए जिसे चुना है वह खुद ही इस भूमिका में सहज नहीं है और ना ही वह इस भूमिका को निभाना चाहता है। लेकिन बताया जा रह है कि फिलहाल उस शख्स से बेहतर कांग्रेस में ऐसी कोई शख्सियत नहीं है जो आर्थ‌िक तंगी जैसी सबसे अहम परेशानी से पार्टी को उबार सके।

हम बात कर रहे हैं नवनियुक्त कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल की। पहले आप यह जानिए अहमद पटेल वह शख्सियत हैं जो करीब 15 सालों से सोनिया गांधी के पर्दे के पीछे से राजनैतिक सलाहकार हैं। बताया जाता है‌ कि इन्हीं के बताए पदचिह्नों पर चलकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने 2004 और 2009 में देश में स्‍‌थाई सरकार बनाने में सफल हुई थी। लेकिन इस वक्त कांग्रेस कई स्तर पर एक साथ परेशानियों से घिर गई है।

इसमें सबसे अहम परेशानी है कांग्रेस खजाना खाली होना। असल में किसी भी तरह की प्रभावशाली नीति के कार्यान्वयन के लिए पैसे आवश्यकता होती है। लेकिन बीते कल से पहले कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे मोती लाल बोला कांग्रेस के लिए चंदा इकट्ठा करने में नाकाफी साबित हो रहे थे। स्थिति ऐसी बन आई थी कि लंबे समय से कांग्रेस के खजाने भराने वाले मोती लाल बोरा खुद यह पद छोड़ना चाहते थे।

बताया जा रहा है कि हालिया परिस्थितियों में कांग्रेस के लिए धन जुटाने में मोती लाल बोरा को पसीने छूट गए थे। उन्होंने पार्टी आलाकमान से कई बार पद से मुक्त करने को कहा था। ऐसे में खुद राहुल गांधी के लिए यह परेशानी का सबब बना हुआ था कि किसे यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। बाद में राहुल ने इसके लिए अहमद पटेल का नाम चुना। लेकिन खास बात यह है कि खुद अहमद पटेल की इस भूमिका के लिए ना-नुकुर करते नजर आए।

असल में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से राहुल का फंड पर ध्यान था। लेकिन मोती लाल बोरा उन्हें वैसे परिणाम नहीं दे पा रहे थे। इसके बाद राहुल ने इस काम के लिए किसी नये और युवा चेहरे को परखना शुरू किया। लेकिन वह इस नतीजे पर पहुंचे कि यह पद फिलहाल वे किसी ऐसे को नहीं दे सकते हैं जिससे पार्टी की हालत और बदतर हो जाए।

एक अंग्रेजी दैनिक के मुताबिक इस रेस में पहले सुशील कुमार शिंदे को भी देखा जा रहा था। लेकिन राहुल गांधी ने अपनी मां के विश्वासपात्र के ऊपर ही विश्वास जताया। यह पुराना इतिहास है कि ढलते सूरज के साथ के आमतौर पर कॉर्पोरेट जगत नहीं जाता। बीते चार सालों में जिस तरह से कांग्रेस पहले केंद्र से फिर एक-एक के राज्यों से बाहर हुई है, उसके बाद से पार्टी को फंड जुटाने की परेशानी शुरू हो गई है।

इसके अलावा राजनैतिक पार्टियों के चंदे पर की जाने वाली हालिया निगरानी ने भी कई पार्टियों के कमर तोड़ रखी है। ऐसे में राहुल गांधी क्या अपनी पार्टी को इस संकट से उबार पाएंगे। या अहमद पटेल के बाद उन्हें फिर कोई और कोषाध्यक्ष इस काम में लगाना पड़ेगा? यह सवाल बेहद प्रासांगिक हो गया है, क्योंकि आगामी कुछ महीनों में लोकसभा समेत कई बेहद अहम विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं।

English summary :
Congress is currently struggling with financial issues. Despite a lot of effort, Congress is finding it diificult in raising fund for the upcoming Lok Sabha Elections 2019 and Vidhan Sabha Chunav in the new circumstances. Due to this situation Congress chief Rahul Gandhi himself intervened into this financial issue and took this big step.


Web Title: Congress suffering with raising fund, Rahul Gandhi takes strong step