MP कैबिनेट के गठन पर कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा- जयचंदों को बांटा, अपनों को बस डांटा
By रामदीप मिश्रा | Updated: April 21, 2020 14:38 IST2020-04-21T14:35:59+5:302020-04-21T14:38:15+5:30
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में एक छोटे एवं सादे समारोह में इन सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

एमपी मंत्रिमंडल के गठन पर कांग्रेस ने हमला बोला है। (फाइल फोटो)
भोपालः कोरोना वायरस के फैले प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के 29 दिन बाद मंगलवार (21 ) को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया। इस बीच प्रदेश काग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला है। उसका कहना है कि बीजेपी ने अपने नेताओं को नजरअंदाज किया है।
कांग्रेस ने मंत्री पदों के बंटवारे को लेकर ट्वीट करते हुए कहा, 'जयचंदों को बांटा, अपनों को बस डांटा। बीजेपी के पास अपने 4 बार के विधायकों के लिये भी कुछ नहीं।' उसने पूछा कि गोपीलाल जाटव, गिरीश गौतम, राजेंद्र शुक्ला, नागेन्द्र सिंह गुढ़, केदारनाथ शुक्ल, अजय विश्नोई, देवी सिंह सैय्याम, देवेन्द्र वर्मा, महेंद्र हार्डिया और ओम प्रकाश सकलेचा का क्या हुआ'
इससे पहले कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में एक छोटे एवं सादे समारोह में इन सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने जिन पांच सदस्यों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया है उनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह एवं कमल पटेल शामिल हैं।
इनमें से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। ये दोनों कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे और सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उन 22 विधायकों में शामिल थे जो कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए थे।
बीजेपी के पूर्व मंत्री जो वर्तमान नहीं बन सके-
— MP Congress (@INCMP) April 21, 2020
- राजेंद्र शुक्ला
- अजय विश्नोई
- देवी सिंह सैय्याम
- महेंद्र हार्डिया
- हरिशंकर खटिक
- ब्रिजेन्द्र प्रताप सिंह
- संजय पाठक
- सुरेन्द्र पटवा
- विश्वास सारंग
- भूपेंद्र सिंह
पूर्व होना भी कोई बात है,
जयचंदों का जब साथ है।
मंगलावर शपथ लेने वाले पांच मंत्रियों में एक ब्राह्मण (मिश्रा), एक क्षत्रिय (राजपूत), एक अनुसूचित जाति (सिलावट), एक अनुसूचित जनजाति एवं एक अन्य पिछड़ा वर्ग (पटेल) से हैं और इस प्रकार चौहान ने इस विस्तार में जातीय समीकरण को ध्यान में रखा है।
आपको बता दें, देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित शाहरों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में एक महीने से भी कम वक्त में इस महामारी के मरीजों का आंकड़ा बढ़ते-बढ़ते 915 पर पहुंच गया है, जबकि इनकी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है।
इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के 18 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में इनकी कुल तादाद 897 से बढ़कर 915 पर पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 से संक्रमित 52 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि इस महामारी के 71 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।