कर्नाटक में बोले शाह, कांग्रेसी सरकार का लिंगायत संबंधी कदम का मकसद येदियुरप्पा को CM बनने से रोकना
By भाषा | Updated: March 27, 2018 00:03 IST2018-03-27T00:03:30+5:302018-03-27T00:03:30+5:30
अमित शाह ने कहा कि केन्द्र की तत्कालीन मनमोहन सरकार 2013 में इस प्रस्ताव को खारिज कर चुकी है और अब उसे लाने का मकसद लोगों के बीच भ्रम पैदा करना है।

कर्नाटक में बोले शाह, कांग्रेसी सरकार का लिंगायत संबंधी कदम का मकसद येदियुरप्पा को CM बनने से रोकना
तिप्तूर, 26 मार्च: भारतीय जनता पार्टी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि लिंगायत और वीरशैव समुदायों को पृथक धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जा देने का उद्देश्य बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकना है। उन्होंने यहां एक नारियल किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'सिद्धारमैया सरकार यह प्रस्ताव इसलिए नहीं लाई कि वे लिंगायतों से प्रेम करते हैं, बल्कि उनका मकसद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकना है।' शाह ने चुनावी राज्य कर्नाटक का दो दिवसीय दौरा शुरू किया है।
उन्होंने कहा, 'मैं कर्नाटक की जनता से कहना चाहता हूं कि अगर बीजेपी का बहुमत आता है तो हम येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाएंगे।' येदियुरप्पा को लिंगायतों का मजबूत नेता माना जाता है। राज्य की कैबिनेट ने हाल में केन्द्र को यह सिफारिश करने का फैसला किया था कि लिंगायतों और वीरशैवों को धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाए। इस कदम को बीजेपी के मजबूत लिंगायत वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
शाह ने कहा कि केन्द्र की तत्कालीन मनमोहन सरकार 2013 में इस प्रस्ताव को खारिज कर चुकी है और अब उसे लाने का मकसद लोगों के बीच भ्रम पैदा करना है। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य की जनता सिद्धारमैया की 'फूट डालो और शासन करो की नीति से' प्रभावित नहीं होगी।
शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बीजेपी पर आरोप लगाने से पहले लोगों को बांटने के लिए सिद्धारमैया पर सवाल उठाने चाहिए। उन्होंने राज्य में किसानों की खुदकुशी को रोकने में नाकाम रहने पर सिद्धारमैया सरकार पर करारा हमला बोला।
उन्होंने कहा, 'अगर आप येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट देंगे तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि किसानों की खुदकुशी के मामले बंद हो जाएंगे।' येदियुरप्पा के गृह जिले शिवमोगा में एक जनसभा में शाह ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार के नेतृत्व में कर्नाटक में सभी विकास कार्य रूक गये हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 40 लाख रुपये की घड़ी संबंधी विवाद ने सिद्धारमैया के भ्रष्ट क्रियाकलापों को उजागर किया है। मई 2016 में यह विवाद उस समय पैदा हुआ था जब सिद्धारमैया ने हीरों से जड़ी उपहार वाली एक घड़ी पहनी थी जिसकी कीमत तब 70 लाख रुपये आंकी गई थी। हालांकि विवाद पैदा होने पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इसे सौंपकर इसे राज्य की संपत्ति मानने का आग्रह किया था।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 112 केन्द्रीय योजनाएं शुरू की हैं लेकिन उनके लाभ जनता तक नहीं पहुंचे। शाह ने शिवमोगा में एक विशाल रोडशो निकाला जहां उन्होंने प्रदेश बीजेपी की एक यात्रा भी निकाली। बीजेपी अध्यक्ष शाह ने टुमकुरू के सिद्धगंगा मठ में लिंगायत समुदाय के संत श्री शिवकुमार स्वामी से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे की शुरुआत की।
गौरतलब है कि कर्नाटक में अप्रैल-मई महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। श्री शिवकुमार स्वामी से शाह की मुलाकात को लिंगायत/ वीरशैव समुदाय तक पहुंच कायम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य में इस समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है और यह राजनीतिक तौर पर ताकतवर माना जाता है। इस समुदाय में बीजेपी की अच्छी पैठ बताई जाती है।
स्वामी और शाह की मुलाकात इसलिए भी अहम है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब पिछले दिनों कर्नाटक की सिद्दरमैया सरकार ने केंद्र से सिफारिश की है कि वह लिंगायत एवं वीरशैव लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दे। सिद्दरमैया सरकार के इस कदम को लिंगायतों को बीजेपी से दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
शाह ने एक ट्वीट में कहा, 'आज मुझे सिद्धगंगा मठ, टुमकुरू के श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। इस उम्र में भी उनका अथक कार्य प्रेरणादायी है। उनका जीवन एक जीती-जागती मिसाल है और हम सबके लिए मार्गदर्शक है।'