गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा में केरल से वापसी पर नेतृत्व असमंजस में, जानें क्या है कारण
By शीलेष शर्मा | Published: February 18, 2021 05:56 PM2021-02-18T17:56:50+5:302021-02-18T17:59:08+5:30
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद 15 फरवरी को रिटायर हुए। 28 साल उच्च सदन में बिताए।
नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा में वापसी को लेकर कांग्रेस नेतृत्व असमंजस में बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार नेतृत्व के असमंजस का बड़ा कारण पार्टी की केरल इकाई का दबाव है, जो नेतृत्व को किसी स्थानीय नेता को उम्मीदवार बनाये जाने की मांग पर अड़ा है। केरल के प्रभारी महासचिव तारिक़ अनवर ने इसकी पुष्टि करते हुये कहा कि स्थानीय नेता चाहते हैं कि राज्य विधानसभा चुनावों को देखते हुये किसी स्थानीय नेता को राज्य सभा के उम्मीदवार बनाना चुनाव की दृष्टि से बेहतर होगा।
दूसरी ओर पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि राज्य इकाई के कुछ बड़े नेता मानते हैं कि हाल ही में केसी वेणुगोपाल जो केरल से हैं, राजस्थान से राज्यसभा भेजे जा चुके हैं।अतः आज़ाद को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वायलार रवि के अस्वस्थ होने के कारण उनको नया कार्यकाल देने के पक्ष में न तो नेतृत्व है और न ही स्थानीय नेता।
गौरतलब है कि पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी गुलाम नबी आजाद को पहले ही भरोसा दे चुकी हैं कि वह उनको केरल से राज्यसभा में लाने के पक्ष में हैं। तारिक़ अनवर ने साफ़ किया कि अभी पार्टी में इस मुद्दे पर औपचारिक चर्चा शुरू नहीं हुयी है।
बावजूद इसके वह राज्य इकाई से मिले दोनों विचारों से सोनिया गाँधी को अवगत करा चुके हैं तथा यह भी साफ़ कर चुके हैं कि केरल में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 36 फ़ीसदी से अधिक है और बड़े पैमाने पर चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। पार्टी मुस्लिमों को बेहतर संदेश देने के लिये कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद को उम्मीदवार बनाने का निर्णय कर सकती है, साथ ही पार्टी में उठ रहे स्वरों को दबाया जा सकेगा।