मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हिंसा पर कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हुए दंगों में घायल और निजी अस्पतालों में भर्ती लोगों के इलाज का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।
मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा, नाबालिग मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये का मुआवजा, मामूली रूप से घायल को 20 हजार का मुआवजा। जिनके घर पूरी तरह जल गए उन्हें 5 लाख रुपये का मुआवजा, दुकान जलने पर भी 5 लाख रुपये का मुआवजा सरकार देगी। दिल्ली सरकार आगजनी, हिंसा के दौरान जले कागजात फिर से हासिल करने के वास्ते लोगों के लिए विशेष शिविर लगाएगी।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि कोई भी घायल अगर प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराता है तो उसका खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। 'फरिश्ते' स्कीम में अब दंगा प्रभावितों को भी लाभ मिलेगा।' आप पार्षद ताहिर हुसैन का नाम दिल्ली हिंसा में आने पर बोले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी का कोई नेता हिंसा में शामिल हो तो उसे दोगुनी सजा दी जाए।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने घोषणा की कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा में मारे गए हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल के परिवार को दिल्ली सरकार एक करोड़ रुपये का मुआवजा देगी। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार की नीति के अनुसार हम हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देंगे।’’
मुख्यमंत्री ने मंगलवार हेड कॉन्स्टेबल के परिवार से मुलाकात की थी। केजरीवाल ने कहा, ‘‘घृणा और हिंसा की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दिल्ली का आम आदमी हिंसा में शामिल नहीं है, इसमें बाहरी लोग, कुछ राजनीतिक तत्व शामिल हैं।’’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में बाहरी और कुछ राजनीतिक एवं असामाजिक तत्व शामिल थे। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने मांग की कि हिंसा को काबू में करने के लिए दंगा प्रभावित इलाकों में सेना तैनात की जाए।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि जरूरत पड़े तो दंगा प्रभावित इलाकों में सेना को तैनात किया जाए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का आम आदमी हिंसा में संलिप्त नहीं था और कहा कि शवों के ढेर पर आधुनिक दिल्ली का निर्माण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को नुकसान हुआ है और नफरत एवं हिंसा की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुधवार की शाम को केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
केजरीवाल ने सदन में कहा, ‘‘दिल्ली के लोगों के पास दो विकल्प है। एक है कि हम एकजुट हो जाएं और दिल्ली का भविष्य समृद्ध बनाएं और दूसरा विकल्प है कि हिंसा में शामिल हों। आधुनिक दिल्ली का निर्माण शवों के ढेर पर नहीं किया जा सकता है। हमें दिल्ली को अच्छे स्कूलों, अस्पतालों के माध्यम से विकसित शहर बनाना है।’’ उन्होंने जानना चाहा कि इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं और उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई हिस्से में हुई हिंसा में कौन लोग शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली का आम आदमी हिंसा में शामिल नहीं है। कुछ बाहरी लोग, कुछ राजनीतिक तत्व और कुछ असामाजिक तत्व हिंसा में संलिप्त हैं। हिंदू और मुस्लिम नहीं लड़ते और वे शांति से रहना चाहते हैं।’’ आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने बुधवार को केंद्र से गुहार लगाई कि हालात को काबू में करने के लिए उत्तरपूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में वह सेना को तैनात करे। साथ ही पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि वह कार्रवाई करें न कि ‘‘औपचारिकता’’ के लिए बैठकें करें।