वाइली के सामने आने के बाद बोले रविशंकर प्रसाद- कंफर्म हो गया कैंब्रिज एनालिटिका ने किया कांग्रेस के लिए काम
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: March 27, 2018 21:18 IST2018-03-27T20:30:18+5:302018-03-27T21:18:09+5:30
कैंब्रिज एनालिटिका मामले में ब्रिटेन के चैनल 4 में प्रकाशित खोजी रिपोर्ट के मुखबिर क्रिस्टफोर वाइली मंगलवार को सामने आए।

वाइली के सामने आने के बाद बोले रविशंकर प्रसाद- कंफर्म हो गया कैंब्रिज एनालिटिका ने किया कांग्रेस के लिए काम
नई दिल्ली, 27 मार्चः कैंब्रिज एनालिटिका मामले में ब्रिटेन के चैनल 4 में प्रकाशित खोजी रिपोर्ट के मुखबिर क्रिस्टफोर वाइली मंगलवार को सामने आए। उन्होंने ब्रिटेन के सांसदों के सामने अपना बयान जारी किया। इससे पहले वे लगातार अंडरकवर थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारतीय राजनैतिक पार्टी कांग्रेस भी कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़ी रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं कि उस वक्त भारत में कौन से चुनाव थे। साथ ही उन्होंने जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी की पीआर कंपनी ओनिलाई को कैंब्रिज एनालिटिका के साझीदार होने पर मुहर लगाया।
इस बात को आधार बताते हुए कि ओनिलाई, राहुल गांधी के लिए काम करती रही है, रविशंकर ने एक बार फिर से कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। देश के दूस संचार व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'आज मिस्टर वाइली ने यह कंफर्म कर दिया कि कैंब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस के लिए काम किया। ऐसे में कांग्रेस को देश से माफी मांगना चाहिए। क्योंकि पार्टी देश को झूठ बोल रही थी। वे मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे थे। इसके लिए कांग्रेस और राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।'
Today the whistleblower #ChristopherWylie has confirmed that #CambridgeAnalytics worked with Congress. This has exposed Rahul Gandhi who was denying all along. Congress and Rahul Gandhi must now apologize: Ravi Shankar Prasad,Union Minister pic.twitter.com/ekHnUpcFVB
— ANI (@ANI) March 27, 2018
इस पर कांग्रेस ने रविशंकर प्रसाद को जवाब दिया है। कांग्रस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह सब झूठ है। उनके अनुसार अगर कांग्रेस ने कोई अपराध किया है तो वे कार्रवाई क्यों नहीं करते। वे कानून मंत्री हैं। वे मीडिया में बयानबाजी क्यों कर रहे हैं।
It is all false. why is India's perpetually lying Law Minister throwing allegations in the media, he is in power why doesn't he show all proof and then register an FIR. We challenge you. They fear they will be exposed if they probe: RS Surjewala,Congress #CambridgeAnalyticspic.twitter.com/gprvW4EOk7
— ANI (@ANI) March 27, 2018
इससे पहले क्रिस्टोफर वाइली ने फेसबुक को लिखे गए अपने मेल की एक कॉपी ट्वीट करते हुए अपनी सीए जांच का हिस्सा ना होने के बारे में कहा।
Hey @facebook I am not a suspect in the ongoing CA investigation. Because I have been proactively working for months with the @ICOnews and British authorities. Because I am the whistleblower. pic.twitter.com/tuVvlAxpec
— Christopher Wylie (@chrisinsilico) March 26, 2018
राहुल गांधी ने कहा था जनता का ध्यान भटका रहे हैं प्रसाद
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अदालतों में काफी संख्या में मामले लंबित रहने और न्यायाधीशों की कमी को लेकर आज कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर प्रहार किया और उन पर‘‘फर्जी खबरें फैलाने’’ का आरोप लगाया।
प्रसाद ने राहुल के हमले को बेहद निंदनीय बताते हुए ट्वीट किया, ‘‘श्रीमान राहुल गांधी आंकड़े में हेरफेर के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजने से आप निश्चित ही बहुत अधिक चिंतित होंगे। गुस्सा, हताशा और डर, इसके कारण अब आप इसमें न्यायपालिका को खींच रहे हैं।’’
प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने पिछले चुनावों में विवादास्पद डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं जिस पर राहुल ने आज पलटवार किया। कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डाटा चुराने के आरोप हैं।
कांग्रेस ने आरोपों से इंकार किया और भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने कंपनी की सेवाएं लीं।
राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘मामले लंबित रहने से न्याय व्यवस्था चरमरा रही है। उच्चतम न्यायालय में55 हजार से ज्यादा, उच्च न्यायालयों में37 लाख से ज्यादा, निचली अदालतों में2.6 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं। फिर भी उच्च न्यायालयों में400 और निचली अदालतों में6000 न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि कानून मंत्री फर्जी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं।’’
उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तंज कसा।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘ न्यायमूर्ति के एम जोसफ ने2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का फैसला पलट दिया। जब उनका नाम उच्चतम न्यायालय के लिए प्रस्तावित किया गया तो मोदी जी के अहम को ठेस लग गई। उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए सौ से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति को स्थगित कर दिया गया।’’
इस पर प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी, ‘‘श्रीमान राहुल गांधी, आपके ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए आपकी टीम ने एक बार फिर होमवर्क नहीं करते हुए आपको गलत जानकारी दी। संप्रग के पहले कार्यकाल में उच्च न्यायालयों में हर साल औसतन86 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी, उसके दूसरे कार्यकाल में यह आंकड़ा प्रतिवर्ष79 था। लेकिन राजग के कार्यकाल में यह सालाना109 है।2016 में उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड126 न्यायाधीशों को नियुक्ति दी गई, आजादी के बाद से यह सर्वाधिक है।’’
कांग्रेस और भाजपा एक- दूसरे पर विवादास्पद डाटा कंपनी की सेवाएं लेने के आरोप लगा रही हैं।
(भाषा के इनपुट के साथ)