लाइव न्यूज़ :

नरेंद्र मोदी सरकार देगी कांग्रेस-बीजेपी को "स्पेशल गिफ्ट", एक झटके में 40 सालों में मिला विदेशी चंदा हो जाएगा "वैध"

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 2, 2018 15:50 IST

बज़ट 2018 के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त विधेयक में एक संशोधन प्रस्तावित किया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2014 में कांग्रेस और बीजेपी को विदेश से मिले चंदे को अवैध ठहराया था।

Open in App

नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने आखिरी पूर्ण बज़ट के बाद राजनीतिक दलों को एक बड़ी सौगात देने की तैयारी की है। गुरुवार (एक फरवरी) को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गये बज़ट के बाद केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक में एक संशोधन प्रस्तावित किया है। इस संशोधन के पारित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस जैसी पार्टियों को विदेशों से पिछले 40 साल में मिला चंदा रातोंरात वैध हो जाएगा। मोदी सरकार ने वित्त विधेयक में बदलाव करके विदेशों से चंदा लेने से जुड़े कानून FCRA में पिछली तारीख (इस मामले में 976 से) लागू होने वाला संशोधन का प्रस्ताव दिया है। नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही साल 2010 के बाद मिले विदेशी चंदों को कानूनी जामा पहना चुकी है। इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) से बाहर रखने के लिए कह चुकी है।

क्या है FCRA?

फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) विदेश से देश में आने वाले पैसे के नियमन से जुड़ा कानून है। इसके तहत सभी-गैर सरकारी संस्थाओं को विदेश से मिले धन की जानकारी सरकार को देनी होती है। देश की राजनीति में विदेशी प्रभाव को रोकने के लिए राजनीतिक पार्टियों को भी इस कानून के तहत रखा गया था। इस कानून को 5 अगस्त 1976 को लागू किया गया। साल 2010 में इस विधेयक में संशोधन करके नया विधेयक पारित किया गया था।

क्यों हुआ संशोधन का प्रस्ताव?

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ने बड़ी मात्रा में विदेशी कंपनियों से चंदा लिया है। अवैध चंदे के सुनवाई के हाद दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश पारित किया। इस आदेश में बीजेपी और कांग्रेस को FCRA के उल्लंघन का दोषी पाया गया। हाई कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को आदेश दिया कि इन राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ इन पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे सुनवाई करता उससे पहले ही राजनीतिक दलों ने याचिकाएं वापस ले ली।

अरुण जेटली ने निकाली हाई कोर्ट के आदेश की काट

दरअसल, 2016 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुपचुप तरीके से फाइनेंस बिल  में एक संसोधन का पास करवा लिया। इस संशोधन के अनुसार राजनीतिक दलों को FCRA (Foreign Contribution Regulation Act, 2010) से सुरक्षा प्रदान की गई। यह कदम 2014 के दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले के भी खिलाफ था जिसमें बीजेपी और कांग्रेस को FCRA के उल्लंघन का दोषी पाया गया और सरकार और चुनाव आयोग से कार्रवाई करने का आदेश दिया था।

2018 में फिर संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी?

2016 के संशोधन में 2010 के बाद के बाद अवैध विदेशी चंदों से राहत दी गई थी। लेकिन अवैध विदेशी चंदे के कई मामले 2010 से पहले के थे। जिसमें राजनीतिक दलों पर तलवार लटक रही थी। 2018 के फाइनेंस बिल में अरुण जेटली ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा है। फाइनेंस बिल 2018 में प्रस्तावित संशोधन पास हो जाता है तो 2010 के पहले के भी मामलों में बीजेपी और कांग्रेस को अवैध विदेशी चंदे के मामले से राहत मिल जाएगी।

FCRA पर दोहरा रुख

नरेंद्र मोदी सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों एवं अन्य संस्थानों को विदेश से मिले चंदे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने ढेर साले एनजीओ पर एफसीआरए के उल्लंघन के लिये कार्रवाई की है। लेकिन बात जब राजनीतिक पार्टियों की आई तो मोदी सरकार ने दोहरा रुख अपना लिया और सभी राजनीतिक दलों को बचाने के लिए कानून बदलने का चोर रास्ता निकाल लिया।

टॅग्स :बजट 2018नरेंद्र मोदीराहुल गाँधीअरुण जेटलीकांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

राजनीति अधिक खबरें

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

कारोबारIndiGo Crisis: 1000 से अधिक विमान कैंसिल?, रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, कई स्पेशल ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, जानिए टाइम टेबल

कारोबारईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि

कारोबारIndiGo Crisis: हवाई किराए मनमानी पर सख्ती, केंद्र सरकार का एक्शन, सभी रूट पर कैप?

कारोबारसवाल है कि साइबर हमला किया किसने था ?