अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के सांप्रदायिक पार्टी वाले बयान पर BJP का पलटवार, कहा- ऐसे बुद्धिजीवियों ने समाज को गुमराह किया
By भाषा | Published: August 27, 2018 01:35 AM2018-08-27T01:35:11+5:302018-08-27T01:35:11+5:30
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने 2019 लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी विरोधी गैर सांप्रदायिक ताकतों के एकजुट होने का आह्वान किया था।
कोलकाता, 26 अगस्त: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रविवार को अमर्त्य सेन पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना उन लोगों से की जिन्होंने हमेशा समाज को गुमराह किया।
बीजेपी ने यह बयान ऐसे समय दिया जब इससे पहले कल नोबेल पुरस्कार विजेता सेन ने 2019 लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी विरोधी गैर सांप्रदायिक ताकतों के एकजुट होने का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा था 'हमें निश्चित रूप से निरंकुशता के विरुद्ध विरोध जताना चाहिए। हमें निश्चित रूप से उनकी निरंकुश प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ना चाहिए। हमें निश्चित रूप से उन मुद्दों की आलोचना करनी चाहिए जहां हमें गैर-सांप्रदायिक दक्षिणपंथी ताकतों के विरोध की आवश्यकता हो।
लेकिन जब बात सांप्रदायिकता से लड़ने की आये तो हमें बिल्कुल अपने हाथ पीछे नहीं खींचने चाहिए, जो आज सबसे बड़ा खतरा बन गया है।'
उन्होंने केन्द्र की बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को 'महज 31 प्रतिशत वोट मिले और राजनीति में अपने गलत इरादों की बदौलत पार्टी सत्ता में आयी।
सेन ने यहां के शिशिर मंच सभागार में कहा सवाल-जवाब सत्र के दौरान कहा, ‘‘वर्ष 2014 में चुनावों में क्या हुआ? एक पार्टी जिसे 55 प्रतिशत सीटें मिलीं, लेकिन वास्तव में उसने कुल मतों का महज 31 प्रतिशत मत पाया... वो सत्ता में आयी...। एक गलत इरादों वाली पार्टी।’’
पश्चिम बंगाल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमेशा वाम विचारधारा का अनुसरण करने वाले सेन जैसे बुद्धिजीवी वास्तविकता से दूर हो रहे हैं।
सेन ने कहा था कि माकपा गायब हो रही है। इससे ज्यादा सच कुछ भी नहीं हो सकता, इस तथ्य से ज्यादा सच कुछ नहीं हो सकता कि सेन जैसे मार्क्सवादी लोगों का वर्तमान समय में ज्यादा महत्व नहीं है।’’
वर्ष 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के सेन के आह्वान पर बीजेपी नेता ने कहा कि उनके जैसे लोग हमेशा समाज को गलत दिशा में ले गये हैं।