बीजेपी MLA ने कहा टीपू सुल्तान को पाठ से हटाया जाए, वह स्वतंत्रता सेनानी नहीं था

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 23, 2019 07:43 PM2019-10-23T19:43:09+5:302019-10-23T19:43:09+5:30

विधायक रंजन ने कहा, ‘‘टीपू सुल्तान से संबंधित पाठ में गलत सूचना है।’’ उन्होंने पीटीआई से बुधवार को कहा, ‘‘यह (पाठ) हटाया जाना चाहिए। मैंने शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार को लिखा है कि वह (टीपू सुल्तान) कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं था।’’

BJP MLA said Tipu Sultan should be removed from the text, he was not a freedom fighter | बीजेपी MLA ने कहा टीपू सुल्तान को पाठ से हटाया जाए, वह स्वतंत्रता सेनानी नहीं था

मैं उन्हें अपने दावे के समर्थन में सबूतों और दस्तावेजों के साथ पत्र सौंपूंगा।

Highlightsटीपू का इतिहास शासन के विस्तार के लिए लूटपाट का रहा और वह अपने प्रशासनिक कार्यों को फारसी भाषा में अंजाम देता था।रंजन ने कहा, ‘‘मैं मंत्री को व्यक्तिगत रूप से पत्र सौंपने बेंगलुरु आया, लेकिन वह बेलगावी में हैं।

भाजपा विधायक अप्पाचु रंजन ने बुधवार को मांग की कि पाठ्य पुस्तकों से मैसूर रियासत के 18वीं सदी के विवादास्पद शासक टीपू सुल्तान से संबंधित पाठ को हटाया जाना चाहिए।

कर्नाटक के मैदिकेरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रंजन ने कहा, ‘‘टीपू सुल्तान से संबंधित पाठ में गलत सूचना है।’’ उन्होंने पीटीआई से बुधवार को कहा, ‘‘यह (पाठ) हटाया जाना चाहिए। मैंने शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार को लिखा है कि वह (टीपू सुल्तान) कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं था।’’

विधायक ने कहा कि टीपू का इतिहास शासन के विस्तार के लिए लूटपाट का रहा और वह अपने प्रशासनिक कार्यों को फारसी भाषा में अंजाम देता था। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वह स्वतंत्रता सेनानी नहीं है।’’ रंजन ने कहा, ‘‘मैं मंत्री को व्यक्तिगत रूप से पत्र सौंपने बेंगलुरु आया, लेकिन वह बेलगावी में हैं। उनके यहां आने पर मैं उन्हें अपने दावे के समर्थन में सबूतों और दस्तावेजों के साथ पत्र सौंपूंगा।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि टीपू ने 20 हजार से अधिक ईसाइयों और 10 हजार कोडागू निवासियों का धर्म परिवर्तन कराया। रंजन ने कहा, ‘‘यहां तक कि आज, कोडागू जिले के मुस्लिमों के पारिवारिक नाम हिन्दू कोडावास लोगों से मिलते-जुलते हैं।’’ विधायक ने आरोप लगाया कि टीपू ने कई नगरों और जगहों का नाम बदलकर उन्हें फारसी नाम दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘रिकॉर्ड उपलब्ध हैं कि उसने (टीपू) अनेक मंदिरों को भी लूटा था। इसलिए गलत सूचना नहीं फैलाई जानी चाहिए और केवल सच सामने आना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि राज्य की भाजपा सरकार ने 30 जुलाई को टीपू के वार्षिक जयंती समारोह को रद्द कर दिया था जो 2015 से आयोजित हो रहा था।

सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 10 नवंबर 2015 के दिन से टीपू जयंती का वार्षिक कार्यक्रम शुरू किया था। इसे पिछले साल एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) सरकार ने भी बरकरार रखा था। 

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