किसान आंदोलन पर बीजेपी विधायक के बिगड़े बोल, कहा- चिकन बिरयानी खाकर बर्ड फ्लू फैलाने की हो रही है साजिश
By विनीत कुमार | Published: January 10, 2021 01:11 PM2021-01-10T13:11:42+5:302021-01-10T13:49:58+5:30
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने अपने एक बयान में आंदोलन कर रहे किसानों की तुलना आतंकियों और चोर-लूटेरों से की है। साथ ही उन्होंने कहा कि ये आंदोलन कर रहे लोग चिकन बिरयानी खाकर देश में बर्ड फ्लू फैलाने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच बीजेपी के राजस्थान के एक विधायक ने विवादित बयान दिया है। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा है कि ये किसान पिकनिक मना रहे हैं। यही नहीं विधायक ने साथ ही कहा कि ये किसान आंदोलन के बीच चिकन बिरयानी खाकर देश में बर्ड फ्लू फैलाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
मदन दिलावर का ये बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल है। दिलावर इस वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, 'वे चिकन बिरयानी खा रहे हैं, काजू-बादाम फ्रूट्स खा रहे हैं। सब तरह के ऐशो-आराम कर रहे हैं और भेष बदल-बदल कर वहां आ रहे हैं। इसमें कुछ आतंकवादी भी हो सकते हैं। चोर-लूटेरे भी हो सकते हैं। ये सभी देश को बर्बाद करना चाहते हैं।'
यही नहीं मदन दिलावर ने कहा कि सरकार अगर इन आंदोलनकारियों को मनाकर या फिर शक्ति का इस्तेमाल कर जल्द नहीं हटाती है तो देश में बर्ड फ्लू का प्रकोप और बढ़ सकता है।
भाजपा, राजस्थान के विधायक मदन दिलावर जी का किसानों के लिए आतंकवादी, लुटेरे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना शर्मनाक है।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) January 9, 2021
जिस अन्नदाता ने आपके पेट में अन्न पहुँचाया उनके आंदोलन को आप पिकनिक बता रहे हैं, बर्ड फ्लू के लिए ज़िम्मेदार बता रहे हैं ?
आपका यह बयान भाजपा की सोच दर्शाता है। pic.twitter.com/1oKKeZeaNu
मदन दिलावर के इस बयान पर प्रतिक्रियाएं भी आने लगी और विपक्षी पार्टियों ने हमला बोला है। राजस्थान कांग्रेस चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि ऐसे बयान बीजेपी की सोच को बताती है। उन्होंने कहा, 'जिस अन्नदाता ने आपके पेट में अन्न पहुंचाया उनके आंदोलन को आप पिकनिक बता रहे हैं, बर्ड फ्लू के लिए ज़िम्मेदार बता रहे हैं?'
इस बीत बता दें कि सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन में भाग ले रहे पंजाब के 40 वर्षीय एक किसान ने शनिवार शाम को कथित रूप से आत्महत्या कर ली। किसान अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले का निवासी था। उसे सोनीपत के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
इससे पहले तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से जारी आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी शुक्रवार को बेनतीजा रही।
सरकार ने जहां कानूनों को निरस्त करने की मांग खारिज कर दी तो वहीं किसानों ने कहा कि उनकी लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी। अब अगली बैठक 15 जनवरी को होनी है।