Coronavirus: BJP विधायक ने अलीगढ़ में संक्रमण प्रसार के लिए मेडिकल कॉलेज को ठहराया जिम्मेदार, खड़ा हुआ विवाद
By भाषा | Published: April 28, 2020 08:55 PM2020-04-28T20:55:15+5:302020-04-28T20:55:15+5:30
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक दलवीर सिंह ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को अलीगढ़ में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिसकी वजह से अब उनके बयान से विवाद पैदा हो गया है। हालांकि, इसके बाद उन्होंने अपने बचाव में सफाई भी पेश की।
अलीगढ़: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने अलीगढ़ में कोविड-19 संक्रमण के प्रसार के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को जिम्मेदार ठहराकर विवाद पैदा कर दिया है। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनका इरादा अस्पताल को बदनाम करने का नहीं था। भाजपा विधायक दलवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि यह मेडिकल कालेज अस्पताल कोरोना वायरस का 'हब' बन गया है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से यह अनुरोध भी किया है कि वह अस्पताल की कथित चूक की जांच करायें। उनका यह आरोप भी था कि अस्पताल ने मरीजों के बारे में जिला प्रशासन को समय से अवगत नहीं कराया है। उनका यह बयान प्रमुख समाचार पत्रों में छपा और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अस्पताल के डॉक्टर विधायक के बयान से हैरत में हैं। उनका कहना है कि ऐसे समय में जबकि डॉक्टर चौबीसों घंटे अपने जीवन को दांव पर लगाकर काम कर रहे हैं, इस बयान से उन्हें पीड़ा पहुंची है।
उनका यह भी कहना है कि विधायक के बयान से यदि किसी डाक्टर को किसी अप्रिय घटना का सामना करना पड़ता है तो पूरी तरह विधायक और जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के डा. हमजा मलिक ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा कि अस्पताल रोजाना लगभग ढाई सौ मरीजों का मुफ्त कोरोना परीक्षण कर रहा है।
नोएडा, आगरा, एटा, हाथरस, कासगंज, रामपुर, संभल, मुरादाबाद और बुलंदशहर सहित सात से अधिक जिलों के मरीजों के टेस्ट के लिए यह फ्रंटलाइन विशेष कोरोना अस्पताल है। अकेले अलीगढ जिले की आबादी लगभग 35 लाख है। इस पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजी गयी हैं। डा. हमजा ने संवाददाताओं को बताया कि माननीय विधायक को शायद जानकारी नहीं है कि अस्पताल आने वाला संक्रमित व्यक्ति आसानी से वायरस फैला सकता है और इस बारे में किसी को पता भी नहीं लग सकता।
यह अस्पताल अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय :एएमयू: से संबद्ध है । एएमयू प्रशासन ने विधायक की टिप्पणी की आलोचना की है। एएमयू प्रवक्ता एस किदवई ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अस्पताल प्रशासन मरीजों और डाक्टरों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट प्रदान की है और पिछले सप्ताह से हमने अस्पताल में किसी भी तरह का उपचार कराने आने वाले मरीज के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है।’’
किदवई ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह निराधार है कि अस्पताल समय पर प्रशासन को सूचित नहीं कर रहा है। उनका कहना था कि जांच मशीनें चौबीसों घंटे चल रही हैं और पहले ही दिन से जिला प्रशासन को हर दिन रिपोर्ट दी जा रही है। इस संबंध में जब विधायक से संपर्क किया गया तो उन्होंने पीटीआई—भाषा से कहा कि मेडिकल कालेज उनके बयान को तोड मरोड कर पेश कर रहा है, यह मेडिकल कालेज केवल इसी जिले के लिए नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस अस्पताल का कामकाज प्रभावित होता है तो इससे बडा संकट पैदा हो सकता है। अस्पताल को बदनाम करने का मेरा विचार नहीं था।’’ विधायक ने कहा कि मौजूदा संकट इसीलिए पैदा हुआ क्योंकि एक निजी डाक्टर ने मेडिकल कालेज को कोरोना संक्रमित मरीज की वास्तविक हालत बताये बिना उसे रेफर कर दिया।
सिंह ने कहा, ‘‘ मेरी एक अन्य शिकायत है कि सारा काम जूनियर डाक्टरों पर छोड दिया गया है। वरिष्ठ डाक्टर अपनी निर्धारित भूमिका नहीं निभा रहे हैं। इससे स्वास्थ्य रक्षा पर असर पड़ रहा है। मैं इन खबरों पर भी जांच चाहता हूं कि कुछ वरिष्ठ परामर्शक (डॉक्टर)अवैध रूप से निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं।'' इस बीच जिला प्रशासन ने सोमवार की शाम पुष्टि की कि जिले में कोरोना पाजिटिव मामलों की संख्या अब 24 हो गयी है।