जींद उपचुनावः हरियाणा के दिल में बीजेपी का कब्जा, जानिए क्या हैं इस जीत के राजनीतिक मायने?
By आदित्य द्विवेदी | Published: January 31, 2019 04:41 PM2019-01-31T16:41:10+5:302019-01-31T16:48:10+5:30
जींद विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की साख भी दांव पर लगी थी। वो बुरी तरह हार गए। जानिए बीजेपी की जीत हरियाणा की सियासत में कैसा प्रभाव डालेगी?
जींद विधानसभा उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण लाल मिड्डा ने जननायक जनता पार्टी (जेपीपी) के दिग्विजय चौटाला को 12935 वोटों से मात दी। इस सीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की साख भी दांव पर लगी थी। सुरजेवाला को कुल 22740 वोट मिले और उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। हरियाणा के दिल यानी जींद में हुए उपचुनाव के नतीजे कई मायने में अहम हैं। बीजेपी की यह जीत हरियाणा की सियासत के रुख को काफी हद तक प्रभावित करेगी। गौरतलब है कि अगस्त में आईएनएलडी विधायक हरि चंद मिड्ढा का निधन हो जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराना अनिवार्य हो गया था।
क्यों अहम हैं जींद उपचुनाव के नतीजे
जींद उपचुनाव संभवतः लोकसभा चुनाव के पहले देश का अंतिम उपचुनाव है। उपचुनाव दर उपचुनाव हार और बीते महीने 5 राज्यों में हुए विधान सभा चुनावों में बीजेपी को 5-0 से बुरी पराजय का सामना करना पड़ा था। इसलिए जींद के इस उपचुनाव को जीतकर बीजेपी आगामी लोकसभा और हरियाणा विधान सभा चुनाव में भुनाना चाहेगी। कांग्रेस के लिए ये एक बड़ा झटका साबित हो सकता है क्योंकि उसने अपने दिग्गज नेता को चुनाव मैदान में उतारा था।
राजनीतिक उठा-पटक का गवाह जींद उपचुनाव
जींद विधानसभा सीट पर आईएनएलडी के हरिचंद मिड्डा दो बार से चुनाव जीत रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद इस सीट पर तमाम राजनीतिक उठा-पठक देखने को मिले। विधायक के निधन से उपजी सहानुभूति को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री मनीष ग्रोवर की मदद से उनके बेटे कृष्ण मिड्डा को बीजेपी में शामिल करवाया और अपना उम्मीदवार भी बनाया। दुष्यंत चौटाला की नवगठित पार्टी जेजेपी ने अपने सबसे कद्दावर और युवाओं में लोकप्रिय नेता दिग्विजय चौटाला पर दांव लगाया। वहीं इस लड़ाई में सबसे नीचे प्रतीत होने वाली कांग्रेस ने ऐन वक्त पर अपने स्वच्छ छवि वाले कुशल वक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस को मुख्य मुकाबले में ला खड़ा किया।
Randeep Surjewala on Jind bypoll result: I hope Manohar Lal Khattar and Krishna Middha ji will fulfil the dreams of the people of Jind. I was given a responsibility by the party which I fulfilled to the best of my abilities, I congratulate Krishna Middha ji. pic.twitter.com/O97opemVsY
— ANI (@ANI) January 31, 2019
इनेलो से टूटकर बनी जेजेपी के द्वारा दिग्विजय चौटाला को चुनाव में उतारे जाने के बाद ऐसी चर्चा होने लगी थी कि इनेलो अपनी पार्टी के युवा चहरे अर्जुन चौटाला को मैदान में उतारेगी लेकिन अंत समय में कई बार से जिला पंचायत सदस्य चुने जा रहे प्रभावी मानी जानी वाली कंडेला खाप के नेता उमेद सिंह रेडू को मैदान में उतारकर चौका दिया था।
जींद उपचुनाव का राजनीतिक हासिल
जींद की राजनीति की धुरी माने जाने वाले मांगेराम गुप्ता यहां की राजनीतिक फिजा से ओझल हो गए। गुटबाजी से ग्रस्त कांग्रेस निर्गुट दिख रही है। बीजेपी ने अपनी उपलब्धियों के दम पर वोट मांगे। सभी पार्टियों के लिए इस उपचुनाव में मुद्दे गौड़ रहे और जोड़ तोड़ की राजनीति चलती रही। यहाँ तक कि जाट आरक्षण का मुद्दा भी नहीं उठाया गया।