गोरखपुर विधायक ने उठाए योगी सरकार पर सवाल तो सांसद रवि किशन बोले,' समस्या थी तो नेतृत्व के पास जाना चाहिए था'
By पल्लवी कुमारी | Published: August 28, 2020 04:12 PM2020-08-28T16:12:14+5:302020-08-28T16:12:14+5:30
गोरखपुर सदर सीट से बीजेपी के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने नोटिस भेजा है। राधा मोहन दास के एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है।
गोरखपुर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गोरखपुर सदर सीट से बीजेपी के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बीजेपी कार्यालय द्वारा गुरुवार (27 अगस्त) को जारी बयान के मुताबिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पिछले दिनों फेसबुक पर पोस्ट करके योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। इस पूरे मामले पर अब गोरखपुर के सांसद रवि किशन का बयान सामने आया है।
रवि किशन ने कहा, 'राधा मोहन सरकार और यहां तक कि गोरखपुर में मेरे काम को लेकर तंज कर रहे थे। अगर उन्हें कोई दिक्कत है तो उन्हें पार्टी लाइन से अलग जाकर फेसबुक पर पोस्ट करने के बजाय नेतृत्व के पास जाना चाहिए।'
Radha Mohan was being sarcastic about govt & even my work in Gorakhpur. If he had issues, he should have gone to leadership, instead of posting it on FB & towing the party line: Ravi Kishan, BJP Gorakhpur MP on BJP Gorakhpur MLA Radha Mohan getting notice from party for a FB post pic.twitter.com/2LQbGnP7o8
— ANI UP (@ANINewsUP) August 28, 2020
राधा मोहन दास के एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पिछले दिनों फेसबुक पर पोस्ट करके योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा था कि उन्हें खुद के विधायक होने पर शर्म आ रही है।
सफाई में विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने क्या कहा?
गोरखपुर की सदर सीट से विधायक दास अग्रवाल ने 21 अगस्त को बताया था कि गोरखपुर के एक पार्टी कार्यकर्ता के रिश्तेदार के हत्यारोपी को पकड़ने में लखीमपुर खीरी पुलिस नाकाम साबित हुई है तब उन्होंने ट्विटर का सहारा लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसकी जानकारी दी थी।
विधायक ने कहा था कि उन्होंने इस संबंध में कई बार अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया लेकिन जब उन्हें कोई उचित समाधान नहीं मिला तब उन्होंने को मुख्यमंत्री को ट्वीट किये और जब उनकी समस्या का समाधान हो गया तब उन्होंने देर रात ट्वीट हटा दिया।