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जन्मदिन विशेष: जब नीतीश कुमार महज 7 दिन के लिए बिहार के सीएम बने थे

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: March 1, 2018 09:02 IST

Happy Birthday Nitish Kumar: नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ। जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति में उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। 1985 में वह पहली बार विधायक चुने गए।

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नई दिल्ली, 1 मार्च: बिहार की मौजूदा राजनीति में बेहद कद्दावर नेता माने जाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्म बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था। 1 मार्च 1951 को जन्मे नीतिश कुमार ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी।  जेपी आंदोलन से की और उन्हें 5 बार सीएम पद की शपथ लेने का गौरव हासिल है। 22 फरवरी 1973 में नीतीश की शादी एक शिक्षिका मंजू कुमारी सिन्हा से हुई थी। उनके बेटे का नाम निशांत कुमार है। उनके जन्मदिन पर यहां पढ़ें उनके जीवन के कुछ दिलचस्प किस्से।

2015 में आरजेडी से गठबंधन कर चुनाव जीत सीएम बनने वाले नीतीश कुमार इससे पहले 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ बीजेपी को कड़ी टक्कर दी बल्कि चुनाव जीत मुख्यमंत्री भी बने। 

पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर नीतीश कुमार जनता दल युनाईटेड से ताल्लुक रखते हैं। उनका राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से शुरू हुआ और साल 1985 में वह पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा और साल 1990 में पहली बार केन्द्रीय मंत्रीमंडल में बतौर कृषि राज्यमंत्री शामिल किए गए।

नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री बने लेकिन सात दिनों के भीतर ही उन्हें त्याग पत्र देना पड़ा। दरअसल, साल 2000 में बिहार विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल वी.सी. पांडेय ने पहले नीतीश कुमार को सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा। उन्हें लगा एनडीए के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन है। नीतीश कुमार सात दिनों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लेकिन सदन का विश्वास हासिल नहीं कर सके। इसके बाद राज्यपाल ने आरजेडी नेता राबड़ी देवी को सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा। राबड़ी देवी ने बिहार के 30वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में वाली सरकार में मई 2001 से 2004 तक नीतीश केंद्रीय रेल मंत्रालय का जिम्मा संभाला। वह नीतीश ही थे जिन्होंने  15 सालों से लगातार सत्ता पर काबिज रही राष्ट्रीय जनता दल को नंवबर 2005 में हराया और एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया।

अब तक नीतीश कुमार के जीवन पर दो किताबें भी प्रकाशित की जा चुकी है। इनमें सिंगल मैन: द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ नीतीश कुमार और दूसरी किताब नीतीश कुमार एंड द राइज ऑफ बिहार है।

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