पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख ज्यों-ज्यों करीब आती जा रही है, चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता कैदी के तौर पर रांची जेल में कैद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की धड़कनें तेज होने लगी हैं.
लालू प्रसाद यादव जेल से ही ट्वीट कर बिहार की राजनीति में अपनी धमक जमाते दिखते हैं. इसी कड़ी में राजद प्रमुख की एक और ट्वीट से सूबे की सियासत गर्मा गई है. उन्होंने कोरोना संक्रमण के विस्फोटक हालात के दौरान जदयू की वर्चुअल रैली को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जदयू नेता लोगों का शिकार करने के लिए गिद्ध बनकर रैली कर रहे हैं.
उधर, जेडीयू ने भी इस पर पलटवार किया है. लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण स्थिति दयनीय, अराजक और विस्फोटक है. राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ चुकी है. कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार को बाज बनना था, लेकिन जदयू के नेता लोगों का शिकार करने के लिए 'गिद्ध' बन कर रैली कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री तो चार महीने में चार बार भी अपने आवास से बाहर नहीं निकले
मुख्यमंत्री तो चार महीने में चार बार भी अपने आवास से बाहर नहीं निकले. वहीं, लालू प्रसाद यादव के इ ट्वीट पर जदयू ने पलटवार किया है. जदयू के प्रवक्ता ने लालू के ट्वीट को बर्बर, अराजक और हिंसक करार दिया है. साथ ही कहा कि आज दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है.
बीते सौ घंटे में ही 10 लाख नए मामले सामने आए हैं. बिहार सहित नौ राज्यों में भी बीते सात-आठ दिनों के दौरान कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है. इस चुनौती से निबटने में राज्य की मशीनरी सक्षम है. हालात को लेकर लालू प्रसाद यादव की टिप्पणी मानवता को शर्मसार करने वाली है.
प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने दावा किया कि बिहार के खजाने पर किसकी गिद्ध की निगाह थी यह जगजाहिर है. तब बिहार और झारखंड एक हुआ करता था. किस तरह से चारा घोटाला किया गया और बिहार के खजाने से कैसे अवैध निकासी की गई, कोर्ट ने इसकी सजा भी सुना दी है.
लालू जी होटवार जेल में सजा काट रहे हैं
उन्होंने कहा कि लालू जी होटवार जेल में सजा काट रहे हैं, इसके बावजूद भी इसके लिए प्रमाण देना होगा क्या? सब जानते हैं कौन गिद्ध और चील की भूमिका में रहा है. जदयू प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव के साथ जितने लोग थे उनमें कोई अलकतरा पर निगाह टिकाए हुए था, तो कोई जमीन पर निगाह टिकाए हुए था.
किसी ने गाड़ियों के शोरूम को लूट लिया. आप तो इन सबके संरक्षक रहे हैं. आपको सब अपना आका मानते थे. तभी तो जब घोटालों की फेहरिस्त निकली तो आपको सब छोड़कर भाग गए. यहां उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव ने इसके पहले 17 जुलाई को भी भोजपुरी में ट्वीट कर नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए कहा था कि कोरोना के कारण बंदी के लगभग चार महीना हो गए, इससे जनता मे त्राहिमाम है.
रोजी-रोटी, जान-माल पर आफत है. बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अत्याचार चरम पर है. नीतीश कुमार चार महीना में अपने बंगला से चार बार भी बाहर नहीं निकले. इस लुका-छिपी से कोरोना नही भागेगा. जब सेनापति मैदान छोड़ कर भाग रहेगा तो लड़ाई कौन लडे़गा? लालू यादव के अलावा नीतीश सरकार के खिलाफ उनकी पत्नी राबडी देवी भी ट्ववीट कर रही हैं.
उनका आरोप है कि कोरोना, इलाज का अभाव, बाढ, जल जमाव, गरीबी, बेरोजगारी व पलायन सहित अनेक समस्याओं से बिहार त्राहिमाम कर रहा है, लेकिन नीतीश कुमार की कोई खोज खबर नहीं है. इतना टोकने के बाद सौ दिनों बाद अतिथि की भूमिका में अवतरित हुए, लेकिन फिर अदृश्य हो गए हैं.
उन्होंने आगे कहा है कि संकट की इस घडी में मुख्यमंत्री को लोगों के बीच रहना चाहिए. कोरोना के संकट काल में लालू के बेटे तेजस्वी यादव भी नीतीश सरकार को घेरते बयान दे रहे हैं. राजद के भी कई ट्वीट आए हैं. इस तरह बिहार में ट्वीटवार में अभी राजद कुनबा काफी आगे चल रहा है.