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लोजपा में बगावत, चिराग पासवान की कार्यप्रणाली से नाखुश चार लोजपा सांसद, जदयू के साथ जा सकते हैं कई नेता

By एस पी सिन्हा | Updated: February 15, 2021 18:53 IST

लोक जनशक्ति पार्टी में भगदड़ मचने की उम्मीद है। 18 फरवरी को कई नेता जदयू में शामिल होंगे। केशव सिंह ने चिराग पासवान पर कई आरोप लगा चुके हैं। 

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ठळक मुद्देएनडीए की सहयोगी लोजपा में अब टूट के आसार नजर आ रहे हैं।बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था।चिराग पासवान बिहार सरकार की योजनाओं में धांधली काे लेकर लगातार मोर्चा खोले बैठे हैं।

पटनाः लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) में बगावत और भगदड़ का दौर शुरू हो गया है। चार सांसद पार्टी प्रमुख चिराग पासवान से नाखुश हैं। कई दर्जन नेता जदयू में शामिल हो सकते हैं।

आज नवादा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे लोजपा सांसद चंदन सिंह पहली बार सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की।  कुछ दिनों पहले पार्टी के 27 नेताओं ने एक साथ इस्‍तीफा देकर एनडीए को अपना समर्थन दिया था। एलजेपी में एक बार फिर बड़ी बगावत तय हो गई है।

पार्टी के लगभग पांच दर्जन नेता 18 फरवरी का एक साथ जनता दल यूनाइटेड में शामिल होंगे। बागी नेता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी करेंगे। लोजपा के सांसद चंदन सिंह ने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर बिहार के सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। यह मुलाकात इसलिए महत्‍वपूर्ण है कि क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान से ही चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं।

लोजपा में एक बार फिर बड़ी बगावत तय

लोजपा में एक बार फिर बड़ी बगावत तय हो गई है। सूत्रों की मानें तो लोजपा के चार सांसद पार्टी छोड़कर भाजपा-जदयू का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह निश्चित रूप से चिराग पासवान के लिए एक बड़ा झटका होगा. सूत्रों के मुताबिक रामविलास पासवान के नहीं रहने पर लोजपा के भीतर बडे़ पैमाने पर विद्रोह छिड़ गया है।

रामविलास पासवान के निधन के बाद अब जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक कम से कम चार लोजपा सांसद चिराग पासवान की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं। लोजपा-जदयू के खटास के बीच चिराग पासवान के सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की है। लोजपा के सांसद के इस मुलाकात के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है।

18 फरवरी को जदयू कार्यालय में मिलन समारोह

इसबीच, लोजपा के बागी नेता केशव सिंह के आवास पर दीनानाथ क्रांति की अध्यक्षता में पार्टी के बागियों की बैठक हुई है. जिसमें करीब पांच दर्जन नेताओं ने जदयू में शामिल होकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का हाथ मजबूत करने का फैसला किया है।

केशव सिंह ने बताया कि ये नेता 18 फरवरी को जदयू कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. मिलन समारोह में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी, विधान पार्षद नीरज कुमार तथा मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह शामिल रहेंगे। यही नहीं लोजपा के बागियों की बैठक में पार्टी पर धोखाधड़ी का मुकदमा करने का भी फैसला किया गया है।

लोजपा प्रमुख चिराग पासवान पर कई आरोप

बागियों का आरोप है कि चिराग पासवान ने झूठ का सहारा लेकर 94 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को ठगा. फरवरी 2019 में 25 हजार सदस्य बनाने वालों को ही विधानसभा चुनाव का टिकट देने की घोषणा की गई थी, लेकिन बड़ी राशि वसूलने के बाद उन्हें टिकट नहीं दिया गया. पैसे लेकर एनडीए से बाहर जाकर ऐसे-ऐसे लोगों को टिकट दिए गए, जिन्होंने न तो पार्टी के लिए सदस्यता अभियान चलाया, न ही उसमें शिरकत की।

बताया जाता है कि बैठक में यह फैसला लिया गया है कि पार्टी के बागी नेता केशव सिंह, रामनाथ रमण, कौशल किशोर सिंह और दीनानाथ क्रांति भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 420, 406 व 409 के तहत चिराग पासवान पर अलग-अलग मुकदमा दाखिल करेंगे। यहां उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद से लोजपा में उथल-पुथल का दौर चल रहा है, पार्टी के कई नेता दल को छोड़ चुके हैं।

18 फरवरी को देंगे झटका

चिराग पासवान के खिलाफ 27 नेताओं ने बगावत कर दल से निकलकर जदयू का दामन थाम लिया था, इसके पहले लोजपा ने केशव सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था, तब पार्टी छोड़ने वाले बागियों ने कहा था कि चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर के साथ महागठबंधन से मिलकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को हराने की साजिश रची थी।

बागियों ने उन्‍हें अपनी ही पार्टी खत्‍म करने वाला भस्मासुर तक बताया, ऐस में अब यह देखना रोचक होगा कि 18 फरवरी को लोजपा छोड़ने वालों में कोई दिग्गज नेता भी शामिल रहते हैं या फिर आम नेता ही पार्टी को बाय-बाय कह लोजपा की झोपड़ी को हिलाने का प्रयास करते हैं?

 

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