पटनाः बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. कोरोना वायरस की महामारी के बीच बिहार में अब चुनावी सियासत भी अपने पूरे रंग में दिखाई दे रही है.
पक्ष-विपक्ष की आपसी बयानबाजी और शब्दों के तीर छूटने लगे हैं. हालांकि सियासी बयानबाजी से दूर रहने वाले और आमतौर पर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों को लेकर शांत रहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अब चल रहे सियासी संग्राम में कूद पडे़ हैं.
नीतीश ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस आरोप का करारा जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए घर से निकलकर अपने पीछे चलने को कहा था. राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री पर लॉकडाउन के दौरान राज्य के लोगों की मदद न करने का आरोप लगाया.
वहीं अब इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के आरोपों पर पलटवार किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि हमको कहता है बाहर नहीं निकलते हैं. लॉकडाउन लागू है, पूरे देश में कहा जा रहा है कि नहीं निकला. प्रतिदिन एक-एक चीज की समीक्षा, सारा काम कर रहे हैं.
खुद कहां रहता है भाग करके इसका कोई ठिकाना नहीं है, पार्टी के लोग को भी नहीं पता है! यहां बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया था है कि सरकारी मशीनरी और संसाधनों का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रतिदिन घंटों अपने नेताओं से वीडियो कॉफ़्रेंस करते हैं.
लेकिन आम जनता को उन्होंने इस संकट में पूछा तक नहीं. उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा था आदरणीय मुख्यमंत्री जी, इस संकटकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था, गरीबों-श्रमिकों की वस्तुस्थिति जानने और राज्यवासियों की हौसलाअफजाई करने विगत 84 दिन से आप घर से बाहर नहीं निकले हैं. आप ऐसा करने वाले देश के अकेले सीएम हैं. अगर कोई डर है तो आगे-आगे मैं आपके साथ चलूंगा. लेकिन अब तो निकलिए.
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है और इसे लेकर चुनावी सरगर्मियां भी तेज हो चुकी हैं. तमाम दल अब चुनावी मोड में दिख रहे हैं. डिजिटल माध्यम से बिहार की जनता तक पहुंचने के हथकंडे आजमाए जा रहे हैं तो पक्ष-विपक्ष में चुनावी तीर चलने शुरू हो चुके हैं.