पटनाः बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही भाजपा में घमासान शुरू हो गया है. नए मंत्रियों के शपथ लेने के साथ ही चार बार के भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने प्रदेश भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है.
उन्होंने नए मंत्रियों के चेहरों पर पार्टी के निर्णय को गलत ठहराते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में नए लोगों को जगह दी गई है. लेकिन पुराने और समर्पित नेताओं की अनदेखी हुई है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों की सूची में मेरा नाम नहीं है ये कोई मुद्दा नहीं है. आप ही देखिए कि दक्षिण बिहार से एक भी मंत्री नहीं है.
भूपेन्द्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला
ज्ञानू ने अपने साथ 12 से ज्यादा विधायक होने का दावा किया. साथ ही कहा कि समय आने पर फैसला करेंगे. दिग्गज नेता स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा को भी मंत्री बनाने लायक नहीं समझा गया. यहां बता दें कि पहली दफे भाजपा का कोई विधायक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ प्रभारी भूपेन्द्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला है.
ज्ञानू ने साफ कर दिया है कि वे चुप नहीं बैठेंगे और विधायकों से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि कुछ नेता केंद्रीय नेतृत्व को अंधेरे में रखकर मनमर्जी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार में भाजपा ने जाति, क्षेत्र और छवि का ख्याल भी नहीं रखा. भाजपा विधायक ने सवर्णों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि लगता है कि भाजपा को सवर्णों का सिर्फ वोट चाहिए.
सवर्ण जाति के लोगों को इग्नोर किया गया
उन्होंने कहा कि हमें चिंता है कि पार्टी में सवर्ण जाति के लोगों को इग्नोर किया गया है. उप मुख्यमंत्री के पद के लिए सवर्णों के 50 प्रतिशत लोग दौड़ में थे, लेकिन उन्हें कोई पद नहीं दिया गया. उन्होंने कहा पार्टी को कुछ नेताओं ने अपने पॉकेट की पार्टी बना दी है. ज्ञानू ने कहा कि सत्ता में दूसरे को तरजीह दी जा रही है.
मंत्रियों की सूची देखकर लग रहा कि भाजपा में अनुभवी और वरिष्ठ होना गलत है. नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार सरीखे नेताओं की जगह क्या तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी से पार्टी को ताकत मिलेगी? मगध में भूमिहारों की उपेक्षा हुई. मिथिलांचल ललित नारायण एवं जगन्नाथ मिश्र की पहचान प्रतिष्ठा की अनदेखी का नतीजा भुगतना पड़ेगा.
उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर सवाल खडे़ करते हुए कहा कि अज्ञानी लोगों को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है. एक ही जिले से कई लोगों को मंत्री पद दिया गया है, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि दोनों उप मुख्यमंत्री भी पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज को दिया गया है. पढे़ लिखे लोगों को मंत्री नहीं बनाया गया.
सवर्ण जाति के विधायक नाराज हैं
उनकी जगह जिन पर कई केस दर्ज हैं, उन्हें तवज्जो दी गई. नीतीश कुमार के उप मुख्यमंत्री के लिए तीन नेताओं के नाम पर सहमत नहीं होने को लेकर उन्होंने कहा कि यह फैसला नीतीश कुमार के नहीं भाजपा के हाथ में था. ज्ञानू ने बिना नाम लिये बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ नेता बिहार को राजस्थान और मध्य प्रदेश समझ लिये हैं. लेकिन वे लोग ऐसा होने नहीं देंगे. बहुत जल्द विधायकों की गोलबंदी होगी और आगे का निर्णय लिया जाएगा.
ज्ञानू के अलावे कई ऐसे विधायक हैं जो नेतृत्व की कार्यशैली से काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि तमाम सवर्ण जाति के विधायक नाराज हैं और दर्जनभर विधायकों से हम बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि ऐसे ही अन्याय होता रहेगा तो बहुत जल्द हम लोग फैसला लेंगे. भाजपा में जो कुछ भी हो रहा है वो ठीक नहीं है.