बिहार में शराब पर सियासत तेज, अब मंत्री के घर से निकल रहीं बोतलें, विपक्ष ने नीतीश सरकार पर किया हमला
By एस पी सिन्हा | Updated: March 10, 2021 20:41 IST2021-03-10T20:40:41+5:302021-03-10T20:41:42+5:30
बिहार में शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. अब जिस घर से शराब की खेप बरामद होगी वहां थाना खोल दिया जाएगा.

भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो तेजस्वी यादव ने गंभीर आरोप लगाया.
पटनाः बिहार विधानसभा में आज उस वक्त सनसनी फैल गई जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के घर से शराब की बरामदगी हुई है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की है? इसतरह से एक मंत्री के घर से शराब मिलने को लेकर नीतीश सरकार घिर गई है. तेजस्वी यादव ने इस मामले में नीतीश सरकार से जवाब मांगा है. उन्हें पूछा है कि बिहार में एक मंत्री के आवासीय परिसर से शराब कैसे उपलब्ध हो रही है? सरकार इस पर अपना जवाब दे.
विपक्षी सदस्य सरकार पर शराब माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए हंगामा करते रहे. वे सदन में शराब पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर भी कर दी गई थी. भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो तेजस्वी यादव ने गंभीर आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के कैंपस से शराब के कार्टन बरामद हुए हैं. सरकार बताये कि मंत्री के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है? तेजस्वी के आरोपों के बाद सदन में फिर से हंगामा खडा हो गया. राजद कांग्रेस के सदस्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. यहां बता दें कि मुजफ्फरपुर में मंत्री रामसूरत राय के घर से शराब बरामद किया गया था.
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह आरोप हम नहीं लगा रहे हैं, बल्कि अखबारों में यह खबर प्रकाशित की गई है. हम तो बस यह जानना चाहते हैं कि मामले में सरकार क्या कार्रवाई कर रही है? नीतीश सरकार के राजस्व मंत्री के घर से शराब बरामद होती है तो निश्चय ही राज्य के लोगों को यह जानने का हक है कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई कर रही है?
उधर मंत्री रामसूरत राय का बचाव करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार आगे आये. उन्होंने कहा कि आज ये खबर आई है कि मुजफ्फरपुर में शराब की बरामदगी हुई है. लेकिन ये मंत्री रामसूरत राय के घर से नहीं हुई है. रामसूरत राय के पिता के नाम पर एक स्कूल चलता है. उसके कैंपस से शराब की बरामदगी हुई है. हमने इसकी जांच करने का आदेश दिया है.
नेता प्रतिपक्ष को किसी मंत्री पर आरोप लगाने से पहले उसकी सत्यता की जांच कर लेनी चाहिये. इन सबके बीच सदन में शराब को लेकर हंगामा चलता रहा. राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि बिहार सरकार ने शराब के नाम पर डेढ़ लाख दलितों को जेल भेज दिया है. उनका परिवार भीख मांग रहा है.
शराब माफिया सरकारी संरक्षण में कारोबार कर रहे हैं. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. पूरा प्रशासनिक तंत्र शराब के कारोबारियों को संरक्षण देने में लगा है. विपक्षी पार्टी शराब को लेकर सदन में मुख्यमंत्री के बयान की मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि मुख्यमंत्री खुद सफाई दें कि शराब के नाम पर बिहार में क्या खेल चल रहा है? सदन के सारे काम रोक कर शराब पर चर्चा की जाये.
इसबीच, शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार अब और सख्त कदम उठाने जा रही है. शराब माफियों पर शिकंजा कसने के लिए अब नये-नये तरकीबों को राज्य में लागू किया जा रहा है. विधानसभा के चालू बजट सत्र में यह मुद्दा जोर-शोर से उछल रहा है. अब सूबे में जिस मकान से शराब की खेप पकडी जायेगी उस मकान को पुलिस थाने में तब्दील कर दिया जायेगा.
बिहार में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. राजधानी पटना में कुछ ही दिनों पहले ऐसा किया गया है. एक गोदाम से भारी मात्रा में शराब की खेप बरामद की गई थी. जिसके बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए उस गोदाम में बाईपास थाना खोल दिया गया. सरकार अब किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है.
शराब माफियों पर शिकंजा मजबूत करने के लिए अब बिहार सरकार ने उनकी संपत्ति को भी जब्त करने का फैसला लिया है. जिसके बाद उसे नीलाम किया जायेगा. शराब माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर अब स्पीडी ट्रायल भी चलाया जायेगा. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है.
उधर, विधानसभा में भी शराबबंदी का मामला लगातार गूंज रहा है. एक ओर जहां विपक्ष इस मामले पर लगातार सरकार पर हमलावर है, वहीं सत्ता पक्ष भी अपने कडे इरादों का उदाहरण पेश कर इसका बचाव कर रही है. सरकार की ओर से मंत्री सुनील कुमार ने सदन में कहा कि गोपालगंज शराब कांड में हुई फांसी की सजा इस काले धंधे में लिप्त शराब कारोबारियों के लिए एक कडा संदेश है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए 186 पुलिस कर्मियों व आठ उत्पाद कर्मियों को बर्खास्त किया गया है जो केवल बिहार में ही आजतक हुआ है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी केवल एक्ट ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दृढ इच्छाशक्ति भी है.