पटनाः वोटरलिस्ट में नाम नहीं होने से तारीक अनवर की तकदीर को बिगाड़ दिया है. बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने पूर्व घोषित उम्मीदवार तारिक अनवर की जगह समीर कुमार सिंह को विधान परिषद चुनाव के प्रत्याशी बनाया गया.
ऐसा इसलिए करना पडा क्योंकि तारिक अनवर का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में नहीं है. नियम के मुताबिक, उम्मीदवार को बिहार का मतदाता होना चाहिए. वोटरलिस्ट में नाम नही होने से तारीक अनवर गचा खा गये और समीर कुमार सिंह का भाग्य खुल गया.
यहां बता दें कि 6 जुलाई को बिहार विधान परिषद के लिए चुनाव होने वाला है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी. पार्टी ने कहा था कि तारिक अनवर कांग्रेस की तरफ से विधान परिषद के प्रत्याशी होंगे.
सोनिया गांधी ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी थी. हालांकि नामांकन से ठीक पहले तकनीकि कारणों से कांग्रेस को नए प्रत्याशी के नाम की घोषणा करनी पडी. बताया जा रहा है कि तारिक अनवर के पास दिल्ली का वोटर कार्ड है. ऐसे में वे बिहार विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
तारिक अनवर कटिहार से पांच बार सांसद रह चुके हैं
यहां यह भी बता दें कि तारिक अनवर कटिहार से पांच बार सांसद रह चुके हैं. उन्हें संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव है. कांग्रेस में शामिल होने से पहले वे एनसीपी में थे और शरद पवार की पार्टी से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं.
बिहार विधान परिषद की 9 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में एक सीट कांग्रेस के कोटे की है. इस सीट के लिए अब पार्टी की तरफ से समीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया है. जबकि, भाजपा ने संजय मयूख और सम्राट चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
वहीं राजद की तरफ से मोहम्मद फारुख, सुनील कुमार सिंह और प्रोफेसर रामबली सिंह विधान परिषद प्रत्याशी बनाये गये हैं. वहीं, सत्ताधारी जदयू के खाते में 3 सीट गई है और जदयू ने प्रोफेसर गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी को अपना उम्मीदवार बनाया है.