पटना: लॉकडाउन में घर में राशन ना होने के कारण बिहार के जहानाबाद जिले के बच्चों के द्वारा मेंढक पकड़कर खाने का मामला सामने आने के बाद खलबली मच गया है. सोशल मीडिया में बच्चों द्वारा गंदे पानी से मेंढक निकाल कर खाने के वायरल वीडियो पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए इसे शरारती तत्वों की साजिश बताया है. डीएम नवीन कुमार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
बताया जाता है कि वीडियो में दिख रहे बच्चे और महिला ने यह बयान दिया है कि बच्चे भोजन की कमी से मेंढक पकड़कर खा रहे हैं. जिसके बाद ये सरकार और प्रशासन के सारे दावों की पोल खोल रही है. वायरल हो रहे इस हो रही वीडियों में बच्चा बता रहा है कि सरकार ने सभी कुछ बंद कर दिया है.
जिसके कारण घर में आनाज नहीं है. ऐसे में वह मेढक के सहारे ही अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा रहा है और पिछले 4 दिनों से मेंढक पकड़ के खा रहा है. इसके साथ ही बच्चे ने ये भी बताया कि कैसे वह मेढक पकड़ कर कैसे खाने लायक बनाता है. बच्चे ने बताया कि वह आस-पास से पहले मेंढक पकड़ते हैं. जिसके बाद वे उन मेंढकों की चमडी को निकालते हैं. इसके बाद उसे आग में भूजते हैं फिर उसे खाते हैं.
वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि जहानाबाद नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या नौ के रामगढ मोहल्ले में बच्चे गंदे पानी से मेंढक पकड़कर खा रहे हैं. कोई इन बच्चों से पूछ रहा है कि मेंढक क्यों पकड़ रहे हो? इसका क्या करोगे? बच्चे पूछनेवालों को बता रहे हैं कि घर में चार दिनों से खाना नहीं है, मेंढक ही खाते हैं. भूख से बुरा हाल है हमारा.
वहीं, इस घटना की तस्वीर और खबर को रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, शर्म को भी शर्म आ जाए ऐसा दृश्य देखकर, लेकिन पता नहीं आपको दया क्यों नही आती! कुछ तो कीजिए सर जी. वहीं इस तस्वीर और वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन का कहना है कि वीडियो देखकर पता चलता है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा इसकी रिकॉर्डिंग कर सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन की छवि धूमिल किए जाने की कोशिश की जा रही है.
डीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम द्वारा संज्ञान में लिया गया और उस स्थान पर जाकर निरीक्षण किया गया. जिस महिला ने यह बयान दिया है कि बच्चे भोजन न होने से मेंढक खा रहे हैं, उसके घर में छापेमारी की गई. छापेमारी में उसके घर में पर्याप्त मात्रा में चावल, आटा तथा दाल आदि खाद्यान्न सामग्री मिली है. ऐसे में प्रशासन का कहना है कि बच्चों ने कहा कि वे लोग प्रतिदिन कम्युनिटी किचेन में जाकर सुबह-शाम खाना खा रहे हैं. कुछ लोग साजिश के तहत इस प्रकार का भ्रामक प्रचार कर रहे हैं.