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रघुवंश प्रसाद के विरोधी रामा सिंह का ऐलान, 29 अगस्त को होंगे RJD में शामिल, लालू के करीबी नेता दे सकते हैं पार्टी से इस्तीफा

By एस पी सिन्हा | Updated: August 26, 2020 14:50 IST

लोकसभा चुनाव-2014 में रामा सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को हरा दिया था. ऐसा माना जा रहा है कि अब जब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी द्वारा रामा सिंह को राजद में लाने की कोशिश हो रही है तो उनकी नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि यही प्रमुख वजह है जिस कारण उन्होंने जून में पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

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ठळक मुद्देतेज प्रताप यादव ने दो दिन पहले रघुवंश सिंह को लेकर एक बयान देते हुए कहा था कि अगर एक लोटा पानी निकल जाएगा तो उससे समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता.राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं.

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रघुवंश प्रसाद सिंह अगले एक दो दिनों में पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में शामिल कराने की तेजस्वी यादव की कोशिशों से खफा हैं. इस बीच रामा सिंह ने भी रघुवंश प्रसाद सिंह पर हमला बोल कर आग में घी डाल दिया है. उन्‍होंने कहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह उनसे 1990 से लोकसभा से लेकर विधानसभा तक चुनाव में हारते रहे हैं. उनसे कोई व्‍यक्तिगत समस्‍या नहीं है. साथ ही यी भी कहा कि अगर रघुवंश प्रसाद सिंह राजद छोड़ते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.

पूर्व सांसद रामा सिंह ने खुली चुनौती देते हुए कहा- पार्टी किसी की जागीर नहीं 

पूर्व सांसद रामा सिंह ने रघुवंश सिंह को खुली चुनौती देते हुए यह भी कह दिया है कि पार्टी किसी की जागीर नहीं है. इतना ही नहीं रामा सिंह ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि वे 29 अगस्त को राजद में शामिल होंगे. इस बीच अब डैमेज कंट्रोल के लिए खुद लालू प्रसाद यादव ने पहल की है. 

तेजप्रताप के बयान से नाराज लालू ने बेटे को तत्‍काल रांची बुलाया है. जबकि रामा सिंह ने कहा कि डा. रघुवंश सिंह का राजद में क्या योगदान है, मुझे भी पूरी जानकारी नहीं है. पार्टी किसी की जागीर नहीं किसी एक व्यक्ति से पार्टी नहीं चलती है. राजद में रह कर कभी रामविलास पासवान का विरोध किया तो महगठबंधन में रह कर नीतीश कुमार का. वे जब भी मुझसे चुनाव लड़े हार गए हैं.

29 अगस्त को राजद शामिल हो रहे हैं रामा सिंह

उन्होंने आगे कहा कि अब रघुवंश प्रसाद सिंह को नीतीश कुमार अच्छे लग रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी नाराज़गी मुझसे क्यों है मुझे नहीं पता, लेकिन वो मुझसे कभी आगे नहीं निकल पाए. लगता है इसी बात की नाराजगी है. 

उन्होंने कहा, रघुवंश प्रसाद सिंह कितना फायदा राजद को दिला पाएंगे पता नहीं. वे पार्टी में क्या करेंगे जानकारी नहीं, लेकिन मुझे राजद से हरी झंडी मिल गई है. पूर्व सांसद ने आगे कहा कि मेरी बात राजद के बड़ं नेताओ से हो चुकी है, 29 अगस्त को राजद में मैं शामिल हो रहा हूं. 

 रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे लोग के जाने से राजद की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है- तेजप्रताप

इसबीच, राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर जो बयान दिया था, उसके बाद लालू खुद मामले को सुलझाने में जुट गए हैं. लालू ने तेजप्रताप यादव को रांची तलब किया है. तेज प्रताप यादव ने दो दिन पहले रघुवंश सिंह को लेकर एक कड़ा बयान देते हुए कहा था कि रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे लोग के जाने से राजद की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. तेजप्रताप ने कहा था कि अगर एक लोटा पानी निकल जाएगा तो उससे समुद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता.

तेज प्रताप के इस बयान के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह के समर्थकों में भारी नाराजगी है. रामा सिंह एंट्री की खबरों को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे हैं और ऐसे में तेज प्रताप यादव ने पार्टी की मुश्किलें और बढा दी हैं. बताया जा रहा है कि लालू यादव तेज प्रताप यादव से इसी मसले पर मुलाकात करने वाले हैं. 

वहीं, राजद के अंदर खाने की खबरों के मुताबिक लालू तेज प्रताप को यह समझा सकते हैं कि विधानसभा चुनाव के दौरान वह अपनी जुबान पर लगाम रखें. लालू नहीं चाहते हैं कि तेज प्रताप उटपटांग बयानों से चुनाव में पार्टी को कोई नुकसान हो. यहां बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह पूर्व सांसद रामा सिंह के राजद में शामिल होने को लेकर विरोध करते रहे हैं. इनके विरोध की वजह से ही उनकी ज्वाइिंग टल गई थी.  लेकिन एक बार फिर से रामा सिंह ने ऐलान कर दिया है कि वे 29 अगस्त को राजद में शामिल हो रहे हैं.  

रघुवंश प्रसाद सिंह की राजद से नाराजगी के ये भी कारण हो सकते हैं

राजद के इस कद्दावर नेता की नाराजगी के कई और भी कारण माने जा रहे हैं. पहला ये कि 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद से वे अपनी ही पार्टी में राजनीतिक तौर पर हाशिए पर हैं. इसके बावजूद उन्हें उम्मीद थी कि इस साल उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा. मगर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अमरेंद्र धारी सिंह और प्रेमचंद गुप्ता को राज्यसभा भेज दिया. विधान परिषद् के चुनाव में भी उनसे कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया.

रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं. उनकी नाराजगी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी है. बताया जा रहा है कि दिल्ली एम्स में इलाजरत रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने के लिए रविवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उनसे मुलाकात की थी और अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया था. बावजूद इसके रघुवंश प्रसाद सिंह नहीं माने. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि हमने एक बार जो फैसला कर लिया तो उससे पीछे नहीं हट सकते हैं. हमने न तो कभी अपने सिद्धांतों से समझौता किया है और न ही आगे करेंगे.

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