बिहार: चिराग पासवान ने प्रवासी मजदूरों के मामले में नीतीश सरकार पर बोला हमला, कहा- प्रवासी श्रमिकों की वापसी के इंतजाम से हम संतुष्ट नहीं हैं
By भाषा | Published: May 12, 2020 06:12 AM2020-05-12T06:12:24+5:302020-05-12T06:12:24+5:30
चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बाहर फंसे मजदूरों व छात्रों को लेकर प्रदेश सरकार ने समय रहते सही कदम नहीं उठाए।
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ राजग को उस वक्त शर्मिंदगी उठानी पड़ी जब सरकार को बाहर से समर्थन दे रही लोक जनशक्ति पार्टी ने फंसे श्रमिकों और छात्रों की कठिनाइयों के प्रति ‘‘देर से’’ और जरूरत से कम ध्यान देने के लिए सोमवार को राज्य सरकार की आलोचना की। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र को सार्वजनिक कर हलचल मचा दी और इसके बाद एक समाचार चैनल को साक्षात्कार भी दिया।
केंद्रीय मंत्री और पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान के पुत्र चिराग ने समाचार चैनल से कहा, ‘‘हमारी पार्टी समर्थन कर रही है लेकिन बिहार सरकार का एक धड़ा समर्थन नहीं कर रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोटा जैसे स्थानों से छात्रों और देश के अन्य हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों की वापसी के इंतजाम से हम संतुष्ट नहीं हैं।’’
बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली से बिहार भेजे गए 1200 प्रवासी मजदूरों के रेल किराये को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में जुबानी जंग शुरू हो गई। दिल्ली में फंसे 1200 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को विशेष रेल से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुए।
इसके बाद दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों के रेल का किराया देने से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने ट्वीट करते हुए मुजफ्फरपुर रवाना हुई ट्रेन का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार सरकार ने 1200 प्रवासी मजदूरों के रेल का किराया देने से इनकार कर दिया है और अब पूरा खर्च अरविंद केजरीवाल सरकार वहन करेगी।
दिल्ली सरकार के इस बयान पर बिहार ने पलटवार किया है। जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने छह मई को दिल्ली सरकार के नोडल अधिकारी पीके गुप्ता द्वारा बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को लिखी गई चिट्ठी को सार्वजनिक किया है।
चिट्ठी में नोडल अधिकारी पीके गुप्ता ने लिखा है कि 1200 प्रवासी मजदूरों के दिल्ली से मुजफ्फरपुर यात्रा का खर्चा जो तकरीबन 6.5 लाख होगा वह तत्काल दिल्ली सरकार वहन करेगी और बाद में इस रकम का भुगतान बिहार सरकार दिल्ली सरकार को करेगी।