Bihar Elections 2020: मोदी ने तेजस्वी यादव पर बोला हमला, कहा-गलती से भी सरकार बनी तो अपहरण-फिरौती उद्योग शुरू
By एस पी सिन्हा | Updated: October 15, 2020 21:17 IST2020-10-15T21:17:54+5:302020-10-15T21:17:54+5:30
बिहार विधानसभा चुनावः राजद ने छपरा, बिहपुर से लेकर दानापुर तक 20 से ज्यादा बाहुबली, अभियुक्तों या उनके परिजनों को टिकट देकर साबित कर दिया है कि शाम ढलते बाजार में सन्नाटा फैल जाएगा और महिलाएं निकलने में डरेंगी और युवा पलायन करेंगे.

चरवाहा विद्यालय खोलवाना राजनीतिक स्टंट था, रोजगार देने वाली शिक्षा से उसका कोई वास्ता नहीं था. (file photo)
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एक दूसरे के खिलाफ बयान और पलटवार करने का सिलसिला जारी है. इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि अगर तेजस्वी यादव की बिहार में गलती से भी सरकार बनी तो बिहार में फिर से अपहरण-फिरौती उद्योग शुरू हो जाएगा, क्योंकि राजद ने बिहार में 20 से अधिक बाहुबली को मैदान में उतारा है.
उन्होंने कहा कि राजद ने छपरा, बिहपुर से लेकर दानापुर तक 20 से ज्यादा बाहुबली, अभियुक्तों या उनके परिजनों को टिकट देकर साबित कर दिया है कि एक बार फिर शाम ढलते बाजार में सन्नाटा फैल जाएगा और महिलाएं घर से निकलने में डरेंगी और युवा पलायन करने लगेंगे.
मोदी ने कहा कि जो आज पहली कैबिनेट में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का झूठा वादा कर रहे हैं. वे पहली कैबिनेट में ही हत्या, गैंगरेप, अपहरण जैसे सैकड़ों संगीन मामलों में मुकदमें वापस लेकर अपराधियों का दुस्साहस बढ़ाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में जैसे केजरीवाल ने मुफ्त बिजली-पानी का झांसा देकर बीस लाख बिहारियों के वोट लिए और चुनाव जीतने के बाद लॉकडाउन के समय बस खुलने की अफवाह फैलाकर मजदूरों को भगा दिया, वैसे ही राजद चुनाव बाद नौकरी से लेकर हर काम के पैसे लेने या जमीन लिखवाने के एजेंडे पर काम कर रहा है.
बिहार में राजद वोट ठगने का केजरीवाल- फार्मूला अपना रहा है. मोदी ने कहा कि लालू-राबड़ी सरकार ने युवाओं को नौकरी दिलाने की नहीं, केवल गरीबों के वोट हथियाने का जाल बुनने की चिंता की. चरवाहा विद्यालय खोलवाना राजनीतिक स्टंट था, रोजगार देने वाली शिक्षा से उसका कोई वास्ता नहीं था. उन्होंने पूछा कि क्या राजद चरवाहा विद्यालय में पढे़ या नन-मैट्रिक युवाओं को भी सरकारी नौकरी दे सकता है? यदि ऐसा संभव नहीं तो शिक्षा को मजबूत करने के बजाय इसका मजाक क्यों बनाया गया? राजद को गरीबों की दो पीढ़ियों को नौकरी के लायक नहीं बनने देने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए.