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''छप्पर पर फूंस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच" हो रहा है, पुल के एप्रोच रोड टूटने पर लालू प्रसाद यादव ने कसा तंज, सीएम नीतीश पर हमला

By एस पी सिन्हा | Updated: August 14, 2020 18:37 IST

लालू प्रसाद यादव को मजाक उड़ाने का मौका मिल गया. उन्होंने इस घटना को ऐतिहासिक उद्घाटन तक बता दिया है. वैसे गोपालगंज में पुल के एप्रोच रोड टूटने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर रहे हैं.

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ठळक मुद्देलालू प्रसाद यादव ने भी इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर तंज कसा है.यादव ने एक फोटो शेयर किया है. उस फोटो में दिख रहा है कि एप्रोच पथ टूटा हुआ है. उसका नीतीश कुमार हाथ में कैंची लेकर उद्घाटन करने वाले हैं.सुशील मोदी नीतीश से बोल रहे हैं कि कस के फीता पकड़ कर रखिएगा. तब तक इसका भी इल्जाम लालू जी पर लगाने का इंतजाम करते हैं.

पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने अंदाज में राज्य सरकार का मजाक उड़ाया है. दरअसल, गोपालगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उद्घाटन से पहले ही पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया.

जिसके बाद लालू प्रसाद यादव को मजाक उड़ाने का मौका मिल गया. उन्होंने इस घटना को ऐतिहासिक उद्घाटन तक बता दिया है. वैसे गोपालगंज में पुल के एप्रोच रोड टूटने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर रहे हैं.

अब लालू प्रसाद यादव ने भी इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर तंज कसा है. लालू प्रसाद यादव ने एक फोटो शेयर किया है. उस फोटो में दिख रहा है कि एप्रोच पथ टूटा हुआ है. उसका नीतीश कुमार हाथ में कैंची लेकर उद्घाटन करने वाले हैं.

सुशील मोदी नीतीश से बोल रहे हैं कि कस के फीता पकड़ कर रखिएगा. तब तक इसका भी इल्जाम लालू जी पर लगाने का इंतजाम करते हैं. फोटो के साथ लालू ने लिखा है कि ''छप्पर पर फूंस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच" हो रहा है. इस तरह से कार्टून ट्वीट करते हुए उन्‍होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा योजनाओं के उद्घाटन पर कटाक्ष किया है.

जाहिर है इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार तंज माना जा रहा है. इसके पहले भी लालू ने घटना को लेकर पुल के उद्घाटन के दिन भी ट्वीट कर तंज कसा था. जब लालू ने लिखा था- ''लक्षण इस सरकार के देख जनता खूब पछताय, नए नवेले बांध, पथ और पुल सब टूट टूट बह जाए.''

इस पुल के उद्घाटन के दिन लालू प्रसाद यादव के बेटे व नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने भी वीडियो जारी कर कहा था कि पुल का पहुंच पथ वास्तविक लोकेशन पर धंस रहा है. उन्‍होंने तंज कसते हुए इसे भ्रष्टाचार का सबूत बताया था. इसतरह से लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर से ट्वीट कर सियासत में हलचल मचा दी है.

उनके आधिकारिक अकाउंट से किए गए एक ट्वीट पर जदयू-भाजपा की ओर से काफी तीखी प्नतिक्रिया सामने आ रही है. इधर लालू के इस हमले का जवाब भाजपा विधायक नितिन नवीन ने भी जोरदार तरीके से दिया है. नितीन नवीन ने कहा है कि लालू यादव ने 15 सालों तक इन्हीं कहावतों को कह कर जनता को मूर्ख बनाते हुए बिहार को रसातल में पहुंचा दिया था.

अब जनता इनकी कहावतों में आने वाली नहीं. जनता ने अब विश्वास की डोर नीतीश कुमार के हाथों में दे रखी है. जनता के विश्वास की डोर को पूरी मजबूती के साथ हमारे मुख्यमंत्री ने पकड़ रखे हैं और अब वो उसे तोड़ेंगे नहीं.

जबकि जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि लालू ने मुहावरों के जरिये व्यंग किया है. रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गया, यह मुहावरा भी लालू को याद रखना चाहिए. बिहार विकास की नई कहानियां कह रहा है. लालू ने 15 साल में ना तो पुल के निर्माण किया न सड़कों का. आज कैद में भी हैं तो राजसी ठाठ के साथ हैं. पहले अपने 15 साल में झांकें. बिहार कितना विकास कर रहा वो दिखाई नहीं पड़ रहा.

यहां बता दें कि 12 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गोपालगंज के बंगरा घाट महासेतु का उद्घाटन करने वाले थे. लेकिन उद्घाटन से पहले ही उसका एप्रोज पथ टूट गया है. उसके बाद अधिकारियों के होश उड गए. बिहार राज्य पुल निर्माण के कई अधिकारी सैकड़ों मजदूरों को लगाकर इसकी मरम्मती और अपनी नाकामी को छुपाने में जुट गए हैं.

सैकड़ों मजदूरों के साथ-साथ दो जेसीबी को भी लगाया गया. जो एप्रोच पथ टूटा था. वह 12 दिन पहले भी टूट गया था. इसको दोबारा ठीक किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के उद्घाटन के दिन ही यह फिर से टूट गया था. यह पहली बार गोपालगंज में नहीं हुआ है.

दो माह के अंदर यह तीसरी बार हुआ है कि गोपालगंज में एप्रोच पथ धवस्त हुआ. बंगरा घाट महासेतु 509 करोड़ की लागत से बना है. यह महासेतु छपरा और मुजफ्फरपुर के साथ चंपारण को भी जोडेगा. गोपालगंज जिले में गंडक पर बना चौथा महासेतु है. 1506 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में लगभग 6 साल लगे हैं. सारण को चंपारण और तिरहुत से जोड़ने वाले इस महासेतु चालू होने से छह जिलों की आबादी को फायदा होगा.

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