पटनाः बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होनेवाले विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर सभी दलों के तमाम नेता चुनावी मुहिम में जुट गए हैं. हर राजनीतिक दल का मुखिया अपने-अपने हिसाब से शह-मात के खेल में जुट गये हैं. 7 जून से बिहार में इसका आगाज हो गया है.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए तकनीकी रूप से सक्षम पार्टी भाजपा ने वर्चुअल रैली कर अपने विरोधियों को संदेश दे दिया है. वहीं ठीक उसी दिन अमित शाह ने यह भी पक्का कर दिया कि बिहार में चुनाव लड़ेंगे तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में हीं. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे फार्म में आ गए हैं. उन्होंने अब सीधे-सीधे लालू परिवार पर हमला करना शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वर्चुअल सम्मेलन में कार्यकर्ताओं से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि सरकार ने राज्य में क्या विकास कार्य किए हैं. उसकी जानकारी जनता तक पहुंचाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने गरीबों के खातों ना सिर्फ पैसे भेजे बल्कि सब तरह से उनकी मदद की है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं से बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में एक प्रवासी पर करीब 5300 रुपये खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कहा कि क्वारंटाइन पूरी कर घर जाने वालों प्रवासियों को एक-एक हजार रुपये की मदद दी जा रही है. जदयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आज सबसे आक्रामक दिखे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा है कि बिहार के युवाओं को पति-पत्नी के जंगलराज के बारे में बताइए. पंद्रह सालों में इनलोगों ने बिहार का क्या हश्र किया इसकी जानकारी नए लड़कों को जरूर दीजिए, ताकि इनके कुकृत्य से बिहार का नौजवान जो पहली बार वोटर बना है वह रूबरू हो.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि लालू राज की यादें लोगों के जेहन में ताजा रखना है. कार्यकर्ताओं को टिप्स देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 90 फीसदी बिहार के विकास की बात करें. लेकिन 10 फीसदी में पति-पत्नी के कुकुत्यों के बारे में लोगों को जरूर बतायें.
जदयू के नेता यह जरूर बतायें कि इ 15 सालों में क्या काम हुए हैं. पंद्रह साल बनाम पंद्रह साल पर चर्चा करें और बताएं कि वर्तमान सरकार ने क्या काम किए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बिहार में कानून-व्यवस्था का क्या स्थिति है? पहले क्या स्थिति थी? पहले वाले शासनकाल में लोगों को फंसाया जाता था. नरसंहार कराए जाते थे. लेकिन 2005 के बाद बिहार में सबकुछ पटरी पर आने लगा. हर क्षेत्र में काम किए गए हैं. आज किसी को कोई खतरा नहीं है. बिजली के क्षेत्र से लेकर सड़क तक हर जगह काम हुए हैं. यह सब जनता को बताना होगा.