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बिहार में विकास की बहार, उद्घाटन से पहले ही फिर से टूटा पुल का अप्रोच रोड, तीसरी बार, सरकार की फजीहत

By एस पी सिन्हा | Updated: August 12, 2020 16:53 IST

गोपालगंज के बंगरा घाट महासेतु का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज उदघाटन करने वाले थे. लेकिन उसके पहले ही इस महासेतु का अप्रोच पथ करीब 50 मीटर के दायरे में ध्वस्त हो गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ध्वस्त अप्रोच पथ को उद्घाटन से पहले दोबारा दुरुस्‍त करने की कवायद की जा रही है.

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ठळक मुद्देबिहार राज्य पुल निर्माण निगम के आला पदाधिकारी से लेकर संवेदक मौके पर मौजूद हैं. जो एप्रोच पथ आज टूटा है वह पहले भी टूट गया था. दोबारा ठीक किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के उद्घाटन के दिन ही यह फिर से टूट गया है.दो माह के अंदर यह तीसरी बार हुआ है कि गोपालगंज में एप्रोच पथ धवस्त हुआ है. 6 साल में बंगरा घाट महासेतु 509 करोड़ की लागत से बना है.

पटनाः बिहार में बाढ़ कारण सरकार की फजीहत हो रही है. इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है. सूबे  में एक बार फिर से एक पुल का अप्रोच रोड उद्घाटन से पहले ही टूट गया है.

यहां एक बार फिर से एक पुल का अप्रोच रोड उद्घाटन से पहले ही बह गया है. गोपालगंज के बंगरा घाट महासेतु का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज उदघाटन करने वाले थे. लेकिन उसके पहले ही इस महासेतु का अप्रोच पथ करीब 50 मीटर के दायरे में ध्वस्त हो गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ध्वस्त अप्रोच पथ को उद्घाटन से पहले दोबारा दुरुस्‍त करने की कवायद की जा रही है.

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के आला पदाधिकारी से लेकर संवेदक मौके पर मौजूद हैं. जो एप्रोच पथ आज टूटा है वह पहले भी टूट गया था. इसको दोबारा ठीक किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के उद्घाटन के दिन ही यह फिर से टूट गया है.

बार बार फजीहत के बाद भी इंजीनियर दावा करते हैं कि घटिया काम नहीं हुआ है. सभी काम मानक के अनुसार हुआ है. अब सवाल उस मानक पर उठ रहा है जो सरकार की फजीहत करा रहा है. यह पहली बार गोपालगंज में नहीं हुआ है.

दो माह के अंदर यह तीसरी बार हुआ है कि गोपालगंज में एप्रोच पथ धवस्त हुआ है. 6 साल में बंगरा घाट महासेतु 509 करोड़ की लागत से बना है. यह महासेतु छपरा और मुजफ्फरपुर के साथ चंपारण को भी जोडे़गा. गोपालगंज जिले में गंडक पर बना चौथा महासेतु है. 1506 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में लगभग 6 साल लगे हैं. सारण को चंपारण और तिरहुत से जोड़ने वाले इस महासेतु चालू होने से छह जिलों की आबादी को फायदा होगा.

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