कोलकता: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच कलह कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक बार फिर से राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विवादित बयान दिया है।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि तृणमूल सरकार ने पश्चिम बंगाल को 'पुलिस स्टेट' में बदल दिया है और इसलिए वह संविधान के अनुच्छेद 154 पर विचार करने पर मजबूर हो जाएंगे, क्योंकि उनके दफ्तर को लंबे समय से इग्नोर किया जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि संविधान का अनुच्छेद 154 कहता है कि राज्य की कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और उनके द्वारा या तो सीधे या उनके अधीन काम करने वाले अधिकारियों के द्वारा प्रयोग किया जाएगा।
डीजीपी वीरेंद्र को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल ने ये कहा-
राज्य के डीजीपी वीरेंद्र को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल ने प्रदेश पुलिस के मुखिया को गैर-जिम्मेदार और कठोर बताते हुए धनखड़ ने कहा कि पुलिस सत्ताधारी टीएमसी के निजी काडर के रूप में काम कर रही है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''यदि संविधान की रक्षा नहीं की गई, तो मुझे ऐक्शन लेना होगा। राज्यपाल के दफ्तर को लंबे समय से इग्नोर किया जा रहा है। मैं संविधान के अनुच्छेद 154 पर विचार करने को मजबूर हो जाऊंगा।''
किसानों के मुद्दे पर मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं मुख्यमंत्री: राज्यपाल
बता दें कि कृषि बिल के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि वह इन विधेयकों के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन करेंगी।
ममत के इस ऐलान के जवाब में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला किया है। राज्यपाल ने किसानों के मुद्दे पर ममता बनर्जी पर मगरमच्छ के आंसू बहाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में केंद्र सरकार द्वारा दी गई राहत को ममता सरकार ने लोगों तक नहीं पहुंचाया।