नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश तक अपनी राजनीतिक गतिविधियों को सीमित रखने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने अब उत्तर प्रदेश के बाह कदम बढ़ा कर पार्टी के ग्रुप 23 के असंतुष्ट नेताओं को साधने की कवायद भी शुरू कर दी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रियंका पहले ही चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश से बाहर निकल कर चुनाव प्रचार करने की तैयारी कर चुकी थी, लेकिन राहुल के समर्थकों ने अंतिम समय में उनको बिहार चुनाव में प्रचार के लिये बने प्रियंका के कार्यक्रम को रद्द करा दिया, यह कह कर कि उनको उत्तर प्रदेश तक ही सीमित रखा जाए।
कांग्रेस आला कमान को अपना फ़ैसला बदलने को तब मज़बूर होना पड़ा, जब ग्रुप 23 के नेताओं ने बिना राहुल का नाम लिये उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। प्रियंका गाँधी की सलाहकार समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने इसकी पुष्टि करते हुये कहा कि ग्रुप 23 के नेताओं को राहुल की कार्यशैली और उनके इर्द गिर्द बैठे लोगों से नाराज़गी है, यह नेता प्रियंका के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिये तैयार हैं लेकिन राहुल समर्थन शुरू से प्रियंका के रास्ते में रोड़ा बने हुये हैं।
जब नेतृत्व को लगा कि पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता खुली बगावत पर उतारू होने की राह पर चल पड़े हैं तब प्रियंका गाँधी को चुनाव प्रचार के लिये पहली बार उत्तर प्रदेश से बाहर भेजने का निर्णय लिया गया। दो दिन असम में प्रचार करने के बाद प्रियंका दूसरे राज्यों का रुख कर सकती हैं। हालांकि केरल और तमिलनाडु में प्रचार की कमान राहुल के हाथों में होगी लेकिन बंगाल और पुंडुचेरी में प्रियंका चुनावी प्रचार के लिये जा सकती हैं जिस पर फ़ैसला होना बाकी है।