सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेता आनंद शर्मा बोले- 'सुझाव देने का मतलब पार्टी से मतभेद नहीं, काश...'
By पल्लवी कुमारी | Published: August 25, 2020 09:04 PM2020-08-25T21:04:32+5:302020-08-25T21:04:32+5:30
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की हंगामेदार और मैराथन बैठक के एक दिन बाद सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने कहा कि पत्र लिखने का मकसद कभी भी सोनिया गांधी या राहुल गांधी के नेतृत्व पर अविश्वास जताना नहीं था और वे सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बने रहने के फैसले का स्वागत करते हैं।
नई दिल्ली:कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक और सक्रिय अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आनंद शर्मा ने कहा है कि पार्टी को ईमानदारी से सुझाव देने का मतलब मतभेद नहीं है। काश ये बात सभी साथियों ने इसे पढ़ा होता। सोमवार (24 अगस्त) को कांग्रेस कार्यसमित की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटले ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आरोप लगाया था। जिसपर आनंद शर्मा ने मंगलवार (25 अगस्त) को जवाब दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पत्र लिखने वाले नेताओं का इरादा देश के मौजूदा माहौल को लेकर साझा चिंताओं से नेतृत्व को अवगत कराना था और यह सब पार्टी के हित में किया गया था।
आनंद शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा, भारतीय जनता पार्टी (BJP) से मुकाबला करने के लिए भारत को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। ईमानदारी से सुझाव देने का मतलब पार्टी से मतभेद नहीं है। काश सभी साथियों ने इसे पढ़ा होता।
India needs a strong opposition to confront the BJP. Suggestions for party's renewal made in sincerity is not dissent. Wish all colleagues had read it.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) August 25, 2020
पार्टी सांसद विवेक तन्खा के एक ट्वीट के जवाब में आनंद शर्मा ने कहा, अच्छा कहा, पार्टी के हित में और देश के मौजूदा माहौल एवं संविधान के बुनियादी मूल्यों पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा गया।
जानें पत्र लिखने वाले अन्य नेताओं ने क्या-क्या कहा?
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह किसी पद के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए है जो उनके लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है। कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, यह पद के लिए नहीं है। यह मेरे देश के लिए है, जो सबसे ज्यादा महत्व रखता है।
-पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट किया, हम विरोधी नहीं हैं, बल्कि पार्टी को फिर से मजबूत करने के पैरोकार हैं। यह पत्र नेतृत्व को चुनौती देना नहीं था, बल्कि पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से कदम उठाने के लिए था। चाहे अदालत हो या फिर सार्वजनिक मामले हों, उनमें सत्य ही सर्वश्रेष्ठ कवच होता है। इतिहास बुजदिल को नहीं, बहादुर को स्वीकारता है।
- कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि इस पत्र को अपराध के तौर पर देखने वालों को आज नहीं तो कल, इसका अहसास जरूर होगा कि पत्र में उठाए गए मुद्दे विचार योग्य हैं। वासनिक ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।
-इन 23 नेताओं में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने सोनिया गांधी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए और उनके अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का स्वागत करते हुए यह भी कहा कि पत्र का मकसद पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव और अन्य चुनावों के लिए तैयार करना था तथा पार्टी के प्रति उनकी वफादारी जीवन भर रहेगी।